चैत्र मास यानी मार्च-अप्रैल केे माह में लगातार 30 दिनों तक नीम की पत्तियों का सेवन से अनेक बीमारियों का खात्मा हो जाता है और उत्तम स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है-
– चैत्र मास में नीम की पत्तियों का सेवन करने से त्वाचा के कई सुक्ष्म रोग स्वतः ही नष्ट हो जाते है ।
– चैत्र मास में सुबह-सुबह नीम की पत्ती चबाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है ।
– चैत्र मास में सुबह उठकर नीम की पत्ती चबाने से कैंसर और हॉर्ट अटैक का खतरा भी कम होता है ।
– चैत्र मास में नीम की पत्तियां खाने से साल भर पाचन क्रिया मजबूत रहती है ।
– चैत्र मास में नीम के डंठल से दातुन करने से दातों में मौजूद कीटाणु खत्म हो जाते हैं ।
– चैत्र मास में नीम की पत्तियों को उबालकर, पूरी तरह से ठंडाकर इससे दिन में तीन बार आंखें धोने से आंखों की रोशनी अच्छी होने लगती है ।
– चैत्र मास में बदलते मौसम में होने वाले गले में दर्द का भी नीम की पत्तियों का सेवन से दूर हो जाता है ।
– अगर चैत्र मास में डायबिटीज के मरीज नीम की पत्तियों का सेवन करते है तो फायदा होता है ।
– नीम के पत्ते और मकोय के फलों का रस समान मात्रा में लेकर पलकों पर लगाने से आंखों का लालपन दूर हो जाता है ।
– पानी में थोड़ी सी नीम की पत्तियां डालकर नहाने से भी घमौरियां दूर हो जाती है ।
– बवासीर जैसे कष्टकारी रोग के इलाज के लिए नीम तथा कनेर के पत्ते की समान मात्रा लेकर प्रभावित अंग में लेप लगाने से एक हप्ते में कष्ट कम होता जाता है । नीम के पत्तों तथा मूंग दाल को हल्के से तेल के साथ तलकर बवासीर के रोगी को खिलाने ठीक हो जाता है ।
– मलेरिया में नीम के तने की अन्दर की छाल को कूटकर कांसे के बर्तन में पानी के उबालने के बाद ठंडा होने पर इस पानी को दिन में तीन बार मलेरियाग्रस्त रोगी को दिया जाए तो मलेरिया दूर हो जाता है ।