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सूत्रों के मुताबिक केंद्र से आए आदेश के बाद चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को भी अलर्ट किया गया है। इन पर्वतीय जिलों के अंतिम गांवों में वर्तमान में कोई चहल—पहल नहीं होने से ये गांव काफी वीरान हो गए हैं। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए फीड बैक के बाद सीमांत क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने विशेष संदेश को 24 घंटे के अंदर संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों तक पहुंचाने का भी जिक्र किया है। इससे लगता है कि सरकार को सीमांत क्षेत्रों में चीन की गतिविधियां बढऩे का अंदेशा है। इसके पहले चीन पिछले 7 से 8 सालों के अंदर करीब 12 बार सीमांत क्षेत्र में घुसपैठ कर चुका है।
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असल में पिलर पार करके उत्तराखंड के गांवों तक पहुंचने की खास वजह उक्त क्षेत्र में बंजर पड़े खेत हैं जहां पिछले 5 सालों से खेती नहीं हो रही है। माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियों को चीन की ओर से सैन्य गतिविधियों की सुगबुगाहट मिलने के बाद केंद्र हरकत में आया है। उसके बाद से ही सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद कर दी गई है।