उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से गत दिनों एक ई निविदा जारी करते हुए दौसा से गंगापुर सेक्शन पर विद्युतीकरण के लिए निविदा आमंत्रित की है। यह निविदा दौसा (इक्स्क्लूडिंग) से गंगापुर (इक्स्क्लूडिंग) सेक्शन में 132/55 ट्रैक्शन, सब स्टेशन,सेक्शनिंग पोस्ट, सब सेक्शनिंग पोस्ट एवं स्काडा के साथ 2 गुणा 25 केवी एसी ओएचआई ट्रैक्शन सिस्टम के रेलवे विद्युतीकरण कार्य का डिजायन, आपूर्ति, निर्माण, परिक्षण के लिए मांगी गई है। निविदा में उक्त कार्य की अनुमानित लागत सवा अरब मानी गई है। निविदा में उक्त को पूरा करने के लिए 18 माह की समय अवधि दी है।
गौरतलब है कि दौसा-गंगापुर रेल परियोजना को वर्ष 1996-97 में स्वीकृति मिली थी, लेकिन इस परियोजना के कार्य को पूरा होने में ढाई दशक से अधिक का समय लग गया और गत 16 मार्च को लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ ही घंटे पहले रेलवे ने दौसा से गंगापुर के बीच पहली सवारी गाडी का संचालन शुरू किया है।
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बदला इस योजना का नाम, ये होगा नया नाम, गाइड लाइन जारी
उपयोगी साबित होगा विद्युतीकरण, बढ़ेंगी रेल सेवाएं
दौसा- गंगापुर रेल मार्ग के विद्युतीकरण के बाद यह ट्रेक आम जन के साथ रेलवे के लिए भी बड़ा उपयोगी साबित होगा। विद्युतीकरण के बाद इस ट्रेक पर रेल सेवाओं में काफी बढोतरी होगी।
इस रेल मार्ग पर गाडियों का आवागगमन शुरू होने के बाद दिल्ली – अहमदाबाद और दिल्ली- मुंबई जैसे व्यस्त रेल रूट को आपस में जोड़ दिया है, दोनों रेल रूट पूरी तरह विद्युतीकृत है और दौसा- गंगापुर रेल मार्ग विद्युतीकृत नहीं होने से फिलहाल रेलवे के लिए यहां से बड़े शहरों की ओर जाने वाली लंबी रूट की गाडियों को गुजारने में कई तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
राजस्थान में पेट्रोल- डीजल अब भी सबसे महंगा, सामने आई ये सच्चाई, जानें नए रेट
डेमू ट्रेन रही रदद्, यात्री हुए मायूस
अजमेर के पास सोमवार सुबह हुई एक रेल दुर्घटना के चलते सोमवार को अजमेर-गंगापुर सिटी डेमू ट्रेन का संचालन रद्द रहा। सोमवार दोपहर करीब 12 बजे लालसोट से गंगापुर सिटी जाने के लिए कई यात्री रेलवे स्टेशन पर जा पहुंचे, जहां डेमू का संचालन रद्द होने की सूचना मिलने पर सभी यात्री मायूस होकर लौट गए। इस दौरान कई यात्रियों ने बताया कि उक्त डेमू रेल काफी किफायती किराए में गंगापुर सिटी पहुंचा देती है,जबकि वे अब निजी बसों में मनमाना किराया देने के बाद भी खड़े जाने के लिए मजबूर है।