दमोह. रानी दुर्गावती की राजधानी सिंग्रामपुर में आज वर्षो बाद वैभव लौटा है। मप्र की सरकार राजधानी भोपाल से उठकर यहां आई। सरकारी स्कूल में गोंड कालीन स्वरूप में तैयार किए गए कैबिनेट कक्ष में बैठकर ङ्क्षसग्रामपुर, जबेरा, दमोह सहित बुंदेलखंड और मप्र को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। ठीक वैसा ही माहौल खींचा गया जैसा उस समय रहा करता था। कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए बुलाई गई जनता ने भी यहां पहली बार इतनी भीड़ देखी थी। एक तरफ की सड़क पर लाड़लीबहनाओं का आना जाना जारी था। वीआइपीगाडिय़ां सायरन बजाते हुए दौड़ रहीं थीं। लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि यहां क्या होने वाला है। कई लोगों के लिए ये पहला मौका था जब एक साथ सरकार देखी थी। यहां तक की सिंग्रामपुर में रहने वाले लोगों के लिए भी।
वीआइपी मूवमेंट के बीच आया गाय का बच्चा बुंदेलखंड की सड़कों पर आवारा पशुओं की स्थिति ज्यादा ही खराब है। कार्यक्रम को लेकर लगातार हो रहे वीआइपी मूवमेंट को देखते हुए यहां से काफी गाय सड़कों से हटा दी गईं, लेकिन एन वक्त पर गाय का एक बच्चा मूवमेंट के ठीक पहले आ गया। इसे देखकर पुलिस कर्मियों के हाथ पांव फूल गए और दौड़कर गाय के बच्चे को गोद में उठाकर किनारे ले गए। ये यहां की बड़ी समस्या है, जो खत्म नहीं हो रही। जबकि यहां पर खुद पशुपालन मंत्री लखन पटेल भी मौजूद थे।
नए सीएस का बुंदेलखंड का अनुभव सीएस बनने के बाद अनुराग जैन की पहली कैबिनेट बुंदेलखंड में रही। उनका बुंदेलखंड से पुराना नाता है, वे 1991 से 93 तक सागर में अपर कलेक्टर के पद पर रहे, इससे पूर्व बीना खुरई एसडीएम भी रहे। उनके बुंदेलखंड में कार्य करने का अनुभव कैबिनेट के फैसलों में भी झलकता है। ङ्क्षसग्रामपुर, दमोह में पलायन रोकने के लिए यहां स्ट्रीट लाइट और हाईमास्ट बनाने की घोषणा की है। इसके पीछे मकसद यहीं पर लोगों को रोजगार देकर पलायन रोकने से है। उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए सीएम ने मंच से सीएम राइज की घोषणा भी की।