निर्भया केसः दोषियों के वकील बोले- भगवान नहीं हैं राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट जज, कर सकते हैं गलती इस संबंध में निर्भया की ओर से पेश वकील सीमा कुशवाहा (Seema Kushwaha) ने कहा कि अब दोषियों के पास केवल एक ही वैधानिक उपाय बचा है और वह है दया याचिका। उन्होंने कहा, “हम फांसी की तारीख के काफी करीब पहुंच चुके हैं। अब उन्हें किसी से भी राहत नहीं मिलेगी। अब उनके सामने केवल एक ही न्यायिक विकल्प बचा है- दया याचिका, और मुझे नहीं लगता है कि उन्हें इसकी अनुमति मिलेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि दोषियों को 1 फरवरी को फांसी दे दी जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने (दोषियों के वकील ने) तर्क दिया है कि दया याचिका विचाराधीन है और इसलिए दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती। हालांकि, उन्होंने केवल दया याचिका (Mercy Petition) दाखिल की है और यह राष्ट्रपति के सामने विचाराधीन नहीं पड़ी है।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने निर्भया केस के एक दोषी अक्षय ठाकुर की एक याचिका पर सुनवाई की। आगामी 1 फरवरी को फांसी देने पर स्टे लगाने वाली इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया।
दूसरी तरफ पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में फांसी पर स्टे लगाने संबंधी मामले की सुनवाई हुई। इसे लेकर सत्र न्यायाधीश एके जैन ने कल सुबह (शुक्रवार) 10 बजे तक तिहाड़ जेल प्रशासन से मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद आदेश जारी किया गया कि अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
बड़ी खबरः निर्भया केस के दोषियों ने चली एक और बड़ी चाल, कोर्ट ने कहा अब कल होगी मामले पर सुनवाई बता दें कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बीती 17 जनवरी को निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी थी।
दया याचिका खारिज होने के बाद दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कर दिया था। इस डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को आगामी 1 फरवरी की सुबह 6 बजे फांसी (Nirbhaya Case Convicts Execution Date) दी जाएगी।