ताजा जानकारी के मुताबिक तिहाड़ जेल (Tihar Jail) महानिदेशक संदीप गोयल ने जल्लाद के पहुंचने की सूचना मिलते ही महानिदेशालय परिसर में एक आपात बैठक बुलाई। बेहद गोपनीय यह बैठक लंबे समय तक चली। बैठक की अध्यक्षता खुद डीजी जेल ने की। हालांकि यह जानकारी सामने आ चुकी है कि पवन जल्लाद अब शुक्रवार को फांसीघर में चारों दोषियों अक्षय, पवन, मुकेश और विनय के पुतलों को फांसी देगा।
बड़ी खबरः निर्भया केस में दोषियों के वकील बोले- भगवान नहीं हैं राष्ट्रपति या सुप्रीम कोर्ट के जज, कर सकते हैं गलती विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तिहाड़ जेल के कानूनी सलाहकार जोरावर सिंह, तिहाड़ के अतिरिक्त महानिरीक्षक राज कुमार और तीन नंबर जेल के अधीक्षक एस सुनील सहित तमाम अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि जेल नंबर तीन में ही वो चारों काल-कोठरियां हैं, जिनमें निर्भया के कातिल कैद करके रखे गए हैं। फांसीघर भी इसी तीन नंबर जेल में ही मौजूद है और यह उन काल-कोठरियों से चंद कदम दूर है जिनमें मुजरिम मौजूद हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, कुछ देर पहले ही तिहाड़ प्रशासन ने जेल के फांसीघर को पूरी तरह से पवन जल्लाद के हवाले कर दिया है। जेल नंबर तीन के अधिकारी खुद ही पवन जल्लाद को फांसीघर तक लेकर पहुंचे।
निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने बताए फांसी से पहले दोषियों के पास मौजूद अब विकल्प, कहा-नहीं मिलेगी राहत जेल सूत्रों की मानें तो पवन जल्लाद कुछ देर पहले ही फांसीघर का मौका-मुआयना भी कर चुका है। फांसी घर का मौका-मुआयना करने के बाद जल्लाद ने मौखिक रूप से कुछ बातें जेल नंबर तीन के अधिकारियों को भी बताई हैं। इन बेहद संवेदनशील बातों का खुलासा नहीं हो सका है।
दूसरी ओर, पवन जल्लाद दिल्ली से सटे यूपी के मेरठ शहर से जब से कड़े सुरक्षा इंतजामों के साये में रुखसत हुआ है, तभी से मेरठ जेल के सुपरिंटेंडेंट सहित तमाम अन्य अफसरों के भी मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ आ रहे हैं। मतलब, हर कोई अब इस मुद्दे पर बोलने से कन्नी काट रहा है।