दरअसल बिहार के जमुई जिले में शनिवार को शराब के नशे में 11 कांवड़ियों को गिरफ्तार किया गया है। दो एसयूवी में सवार भगवान शिव के भक्त देवघर में जल चढ़ाकर अपने मूल स्थानों को लौट रहे थे। जिले के चकई थाना अंतर्गत महेशा पाथेर चेकपोस्ट पर शराब विरोधी कार्य बल (एएलएफटी) के वाहन जांच अभियान के दौरान उन्हें रोका गया और उनके पास से शराब की चार बोतलें जब्त की गईं।
लग्जरी वाहनों में सवार थे सभी कांवड़िए-
चकाई एसएचओ और एएलटीएफ प्रभारी चंदेश्वर प्रसाद यादव ने कहा, “हमें वाहन जांच के लिए महेशा पाथेर चेक पोस्ट पर तैनात किया गया था। टीम ने पंजीकरण संख्या बीआर 30 पीए 1637 और बीआर 01 डीजे 0662 वाले दो लक्जरी वाहनों को रोका। अधिकारियों ने उसमें सवार लोगों को चेकिंग के लिए कार से बाहर निकलने को कहा तो उन्हें शराब की गंध आ रही थी। श्वास विश्लेषण जांच के दौरान, वे भी पॉजिटिव पाए गए।”
सीतामढ़ी और पटना के रहने वाले हैं गिरफ्तार कांवड़िए-
पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाहनों की जांच के दौरान एएलटीएफ की टीम को उनके पास से शराब की चार बोतलें भी मिलीं। गिरफ्तार कांवड़ियों की पहचान किशन कुमार, उमेश कुमार महतो, रंजीत राव, पंकज गुप्ता, विशाल कुमार महतो, रामू महतो, सभी सीतामढ़ी जिले के रीगा थाने के मूल निवासी के रूप में हुई है, जबकि गौरव कुमार, शशि भूषण आर्य, रंजीत कुमार और अमन कुमार पटना जिले के परसा बाजार के मूल निवासी हैं।
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बिहार में 2016 से शराबबंदी, पीने वाले जाते हैं पड़ोसी राज्य-
मामले की जांच में जुटे पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार कावड़ियों के खिलाफ चकई पुलिस स्टेशन में शराब निषेध अधिनियम (संशोधन) 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है। ऐसे में सालों भर बिहार के शराब के शौकीन झारखंड सहित अन्य पड़ोसी राज्य पहुंचते रहते हैं। इस समय बोलबम का मौका उनके लिए सोने पर सुहागा जैसा मिला है।