पिंक टेस्ट की शुरुआत 2009 में हुई थी। ऑस्ट्रेलिया साल का पहला टेस्ट पिंक टेस्ट के रूप में खेलता है। यह टेस्ट लाल गेंद से ही खेला जाता है। इस टेस्ट को मैक्ग्रा की पत्नी जेन मैक्ग्रा की याद में खेला जाता है, जिनकी 2008 में ब्रेस्ट कैंसर से मौत हो गई थी। पिंक टेस्ट के दौरान पूरा स्टेडियम गुलाबी रंग से सराबोर रहता है। स्टैंड, स्टाफ और खिलाड़ियों की जर्सी सभी पर गुलाबी रंग की झलक दिखती है। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी खास तौर पर गुलाबी रंग की टोपी पहनते हैं और जर्सी पर उनके नाम और नंबर भी गुलाबी रंग से लिखे होते हैं।
ग्लेन मैकग्राथ ने जेन की याद में मैक्ग्रा फाउंडेशन की स्थापना की है। जो ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों और उनके परिवारों की सहायता करता है। पिंक टेस्ट का उद्देश्य ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता और फंड जुटाना है। इस मैच की टिकट का पैसा
चैरिटी के रूप में मैक्ग्रा फाउंडेशन को जाता है।