यूपीए सरकार द्वारा 2008 में लागू राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) को आयुष्मान भारत योजना में मिला दिया गया है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के वंचित परिवारों व शहरी क्षेत्र में मजदूरों को इसका लाभ दिया जाएगा। सरकारी और निजी बड़े अस्पतालों में निशुल्क उपचार होगा। इसके लिए सरकारी व निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है। 2011 की जनगणना को केन्द्र में रखकर परिवारों का चयन किया गया है। ग्राणीण क्षेत्रों में जनगणना के मुताबिक डी-1, डी-2, डी-3, डी-4, डी-5 और डी-7 श्रेणी में आने वाले मरीजों के भर्ती होने से लेकर बाद में उपचार पर होने वाला सभी खर्च योजना के तहत दिया जाएगा। बाद में निम्न मध्यवर्ग, मध्य वर्ग व उच्च मध्यवर्ग के परिवारों को भी शामिल किए जाने का प्रावधान है। योजना के क्रियान्वयन के लिए अस्पतालों में आरोग्य मित्र भी लगाए जाने थे। एक साल में परिवार को पांच लाख रुपए तक का निशुल्क उपचार हो सकेगा। ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान, परिवार में किसी व्यस्क(16 -59 साल) का नहीं होना, परिवार की मुखिया महिला हो, परिवार में कोई दिव्यांग हो, अनुसूचित जाति-जनजाति से हों और भूमिहीन व्यक्ति, दिहाड़ी मजदूर इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति, निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले, आदिवासी और कानूनी रूप से मुक्त बंधुआ आदि खुद आयुष्मान भारत योजना में शामिल हो जाएंगे।
&आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में कोई निर्देश अभी तक नहीं मिले हैं। किस तरह लोगों को लाभ मिलेगा, क्या श्रेणी होगी इसके लिए कोई आदेश विभाग से नहीं मिले हैं।
डा. एचएस बराड़, संयुक्त निदेशक, बीकानेर, संभाग
&आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विभाग से अभी तक कोई निर्देश नहीं नहीं मिले हैं। योजना के तहत कुछ चयनित स्वास्थ्य केन्द्रों को विकसित करने का काम चल रहा है। बीमा योजना के बारे में निदेशालय से संपर्क कर आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
डा. मनोज शर्मा, सीएमएचओ, चूरू