सभी पात्र हुए शामिल
विधान में महोत्सव के सभी पात्र शामिल हुए। प्रारंभ में पात्र शुद्धि, सकलीकरण, नांदी विधान, इन्द्रप्रतिष्ठा, अभिषेक, शांतिधारा पूजन हुए। ध्वजारोहण बाझल परिवार ने एवं मंडप का उद्घाटन राजेंद्र कुमार, अंकित और अर्पित परिवार ने किया।एक साथ धर्म की आराधना का बना केंद्र
प्रवचन के दौरान मुनि प्रसाद सागर महाराज ने कहा कि आपका बड़ा सौभाग्य है कि ऐसे अयोध्या नगरी में आप लोग धर्म की आराधना के लिए जुट रहे हैं। व्यक्तिगत धार्मिक क्रियाएं करना अलग बात है और सामूहिक रूप से पुण्य का उदय होता है। तब एक साथ एक मंच पर एक स्थान पर बैठ करके ऐसे प्रभु की आराधना करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। बुधवार की शाम को संगीतमयी महाआरती, विद्वानों के प्रवचन हुए।