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छतरपुर

सागर-कबरई हाइवे के दूसरे फेज के तहत मोहारी से साठिया घाटी तक 39 किमी लंबे फोरलेन निर्माण के लिए 351 करोड़ रुपए का टेंडर स्वीकृत

इस फेज के बाद फेज 5 के तहत कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किमी का फोरलेन निर्माण होना है। 351 करोड़ रुपए का टेंडर स्वीकृत कर दिया गया है।

छतरपुरJan 01, 2025 / 10:45 am

Dharmendra Singh

kanpur sagar natonal highway

छतरपुर शहर से गुजरा कानपुर-कबरई नेशनल हाइवे

छतरपुर. सागर कबरई फोरलेन के दूसरे फेज के तहत मोहारी से साठिया घाटी (हीरापुर) तक 39 किमी लंबे फोरलेन के निर्माण के लिए 351 करोड़ रुपए का टेंडर स्वीकृत कर दिया गया है। यह काम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को दिया गया है। इस फेज के बाद फेज 5 के तहत कैमाहा बैरियर से महोबा होते हुए कबरई तक 45 किमी का फोरलेन निर्माण होना है।

तीसरे और चौथे फेज के लिए 3589 करोड़ रुपए जारी


हालांकि, फेज 3 और 4 का काम अब तक लंबित पड़ा है, जिसके कारण परियोजना की पूरी गति प्रभावित हो रही है। इन दोनों फेज में 98 किमी लंबा फोरलेन बनाना है, जिसमें से 55 किमी का काम तीसरे फेज और 43 किमी का चौथे फेज में होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 3589.4 करोड़ रुपए की राशि जारी की है, हालांकि टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण काम शुरू नहीं हो पाया है।

पहले चरण का भी चल रहा काम


इस परियोजना के अंतर्गत सागर से दलपतपुर तक 50 किमी के पहले फेज का काम तेज गति से चल रहा है। वहीं, कबरई से सागर तक के शेष 182 किमी के चार फेज का काम एनएचएआई की छतरपुर इकाई द्वारा किया जाना है, लेकिन अब तक इन फेज का काम शुरू नहीं हुआ है।

दिल्ली से हो रही टेंडर प्रक्रिया


नेशनल हाइवे-34 के सागर से कबरई तक फोरलेन निर्माण की योजना जिले में धीमी गति से आगे बढ़ रही है। इस योजना के पांच फेज में से फेज 3 और 4 में काम रुका हुआ है, जिनका टेंडर अब तक नहीं हो सका है। अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया दिल्ली से चल रही है, और इन्हें जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

2023 में बनी थी डीपीआर


सागर से कानपुर तक फोरलेन हाइवे बनाने के लिए अप्रेल 2023 में डीपीआर मंजूर कर लिया था। डीपीआर की मंजूरी के साथ भूतल परिवहन विभाग ने 2026 फोरलेन निर्माण को पूरा करने की टाइमलाइन तय की है, लेकिन एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकी है। सागर से कबरई (महोबा) तक 232 किलोमीटर लंबी सडक़ का निर्माण पांच फेज में किया जा रहा है। पहले फेज के तहत सागर से मोहारी गांव तक 50 किलोमीटर लंबे हाइवे का काम एनएचएआई की सागर इकाई के अधीन है। पहले फेज का काम भी जारी है। शेष 182 किलोमीटर लंबे फोरलेन चार पेज का काम एनएचएआई की छतरपुर इकाई को कराना है। फेज दो, तीन, चार और पांच के तहत 182 किलोमीटर लंबे फोर लेन का निर्माण किया जाना है। इसका काम अभी शुरू नहीं हुआ है।

सबसे बड़ा हिस्सा छतरपुर प्रोजेक्ट का


एनएचएआई की छतरपुर इकाई के पास है, लेकिन छतरपुर ईकाई में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (पीडी) का पद तीन माह खाली रहा। जून माह में तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीएल चौधरी को सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। अब नए अधिकारी की नियुक्ति के प्रक्रिया में तेजी आई है।

इकोनॉमिक कॉरिडोर का बनेगा हिस्सा


भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को फोरलेन में अपग्रेड करने के लिए भोपाल से विदिशा, विदिशा से ग्यारसपुर, सांठिया घाटी से चौका और चौका से कैमाहा पैकेजों के लिए 3589.4 करोड़ रुपए की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। इससे यात्रा के समय को कम करने, सडक़ सुरक्षा को उन्नत करने और क्षेत्र के आर्थिक विकास में तेजी होने से समग्र विकास के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि छतरपुर से होकर गुजरने वाला सागर-कबरई हाइवे, भोपाल- कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। इस हाइवे का निर्माण पांच फेज में किया जा रहा है। इसकी लंबाई 232 किमी रहेगी। हाइवे की अनुमानित लागत 4290 करोड़ आंकी गई है।

इनका कहना है


फेज 3 और 4 के टेंडर की प्रक्रिया दिल्ली से चल रही है और इनकी उम्मीद है कि जल्द ही यह पूरा हो जाएगा। यदि इन फेजों में देरी और बढ़ती है तो परियोजना का पूरा निर्माण समय से पूरा होने में मुश्किल हो सकती है, क्योंकि केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने 2026 तक पूरा कार्य समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
देवेंद्र चापेकर, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआई

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