20 अगस्त को आया था लोकायुक्त का दूसरा पत्र
जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त कार्यालय सागर में पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक बीएम द्विवेदी ने केन्द्रीय जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को गत माह की 20 तारीख को पत्र भेजकर कहा था कि सेवा सहकारी समिति सेंधपा के समिति प्रबंधक रहे राजमहेन्द्र सिंह के खिलाफ 74 लाख 86 हजार 460 रूपए गबन की शिकायत प्राप्त हुई थी। अधिकारियों की जांच में यह शिकायत सही पायी गई है। इसलिए संबंधित के खिलाफ तत्काल वैधानिक कार्यवाही करते हुए कार्यालय को अवगत कराने हेतु लेख किया गया। उधर टीएल बैठक में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने प्रकरण की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि आर्थिक अनियमितता के प्रकरण में तत्काल पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। सहकारी बैंक के सीईओ ने बड़ामलहरा शाखा प्रबंधक को निर्देशित किया है कि राज महेन्द्र सिंह के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराकर होने वाली कार्यवाही से अवगत कराएं ताकि, कलेक्टर तक प्रकरण की वास्तविकता पहुंचाई जाए।
सेवानिवृत्त सहकारिता निरीक्षक की शिकायत पर लोकायुक्त ने कराई थी जांच
सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहकारिता निरीक्षक आरके शर्मा ने एसपी विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल में शिकायत दर्ज कराई थी कि सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रभारी समिति प्रबंधक राज महेंद्र सिंह, समिति के प्रशासक जगदीश गुप्ता, ऑडिटर आरके श्रीवास्तव, उपायुक्त पीआर कावडकऱ द्वारा करोड़ों रुपए की वित्तीय गड़बड़ी की है। इस पर एसपी लोकायुक्त ने मामले की जांच संयुक्त पंजीयक सहकारिता सागर शिवेंद्र देव पांडेय से कराई। जांच में संयुक्त पंजीयक पांडेय ने पाया कि सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रभारी समिति प्रबंधक ने बचत खाता से 7 लाख 45 हजार 131 रुपए आहरित कर लिए और इसका कैशबुक में कहीं उल्लेख नहीं किया। 14 लाख 39 हजार 614 रुपए वसूली से अधिक राशि का नियम विरुद्ध तरीके से भुगतान किया गया। 4 लाख 26 हजार रुपए खाद परिवहन के नाम पर फर्जी जेआर शिवेंद्र देव पांडेय द्वारा सेवा सहकारी समिति सेंधपा के प्रबंधक राजमहेंद्र सिंह को 74 लाख 86 हजार 460 रुपए का घोटाले करने का दोषी पाया गया।