सत्यापन के बाद मिलेगा राशन
नई व्यवस्था के तहत सभी हितग्राहियों के चेहरे को पढऩे की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और फेस रीडिंग के बाद ही उन्हें राशन दिया जाएगा। यदि कोई लाभार्थी आंगनबाड़ी केंद्र पर राशन लेने के लिए नहीं पहुंचता है, तो उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर राशन प्राप्ति का सत्यापन किया जाएगा। इस प्रणाली का उद्देश्य यह है कि केवल असली हितग्राही को ही आहार मिल सके और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
2058 आंगनबाड़ी में लागू होगा नया सिस्टम
जिले के विभिन्न विकासखंडों जैसे लवकुशनगर, नौगांव, बिजावर, बड़ामलहरा, बकस्वाहा, राजनगर और गौरिहार में कुल 2058 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जहां हर मंगलवार को टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। इन केंद्रों पर लगभग दो लाख से अधिक हितग्राही पंजीकृत हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। यह राशन उन्हें सूखा राशन के रूप में दिया जाता है, जिसे टेक होम राशन कहा जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, सभी हितग्राहियों का पंजीयन पोषण ट्रैकर एप पर किया गया है, और इनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक किया गया है।
कार्यकर्ताओं को दे रहे प्रशिक्षण
हालांकि, महिला एवं बाल विकास विभाग इस नई व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों का आयोजन कर रहा है, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में इस योजना को लेकर कुछ असंतोष और विरोध भी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ओटीपी के माध्यम से राशन वितरण में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर जब लोग ओटीपी देने से इंकार कर सकते हैं या फ्रॉड के मामलों का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा, जिले के कई इलाकों में नेटवर्क की समस्या है, जिससे ओटीपी और ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं।