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छतरपुर

पोषण आहार में गड़बड़ी की आशंका को खत्म करने ट्रैकर एप व्यवस्था होगी लागू

टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण प्रणाली और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी। यह नई व्यवस्था जनवरी माह से लागू की जा रही है, जिसके तहत आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को राशन देने से पहले उनके चेहरे की पहचान की जाएगी और ओटीपी के माध्यम से सत्यापन होगा।

छतरपुरJan 15, 2025 / 10:53 am

Dharmendra Singh

mahila bal vikas

महिला एवं बाल विकास कार्यालय

छतरपुर. जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित होने वाले पोषण आहार में गड़बड़ी की आशंका को समाप्त करने के लिए अब ट्रैकर एप सिस्टम को लागू किया जाएगा। इससे टेक होम राशन (टीएचआर) वितरण प्रणाली और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी। यह नई व्यवस्था जनवरी माह से लागू की जा रही है, जिसके तहत आंगनबाड़ी के हितग्राहियों को राशन देने से पहले उनके चेहरे की पहचान की जाएगी और ओटीपी के माध्यम से सत्यापन होगा।
इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक लाभार्थियों तक ही पोषण आहार पहुंचे और किसी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी न हो। जिला मुख्यालय छतरपुर के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में यह नया सिस्टम प्रभावी होगा, जिसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को वितरित होने वाले पोषण आहार की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

सत्यापन के बाद मिलेगा राशन


नई व्यवस्था के तहत सभी हितग्राहियों के चेहरे को पढऩे की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और फेस रीडिंग के बाद ही उन्हें राशन दिया जाएगा। यदि कोई लाभार्थी आंगनबाड़ी केंद्र पर राशन लेने के लिए नहीं पहुंचता है, तो उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजकर राशन प्राप्ति का सत्यापन किया जाएगा। इस प्रणाली का उद्देश्य यह है कि केवल असली हितग्राही को ही आहार मिल सके और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।

2058 आंगनबाड़ी में लागू होगा नया सिस्टम


जिले के विभिन्न विकासखंडों जैसे लवकुशनगर, नौगांव, बिजावर, बड़ामलहरा, बकस्वाहा, राजनगर और गौरिहार में कुल 2058 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जहां हर मंगलवार को टेक होम राशन का वितरण किया जाता है। इन केंद्रों पर लगभग दो लाख से अधिक हितग्राही पंजीकृत हैं, जिनमें गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं और 6 माह से 3 वर्ष के बच्चे शामिल हैं। यह राशन उन्हें सूखा राशन के रूप में दिया जाता है, जिसे टेक होम राशन कहा जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, सभी हितग्राहियों का पंजीयन पोषण ट्रैकर एप पर किया गया है, और इनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक किया गया है।

कार्यकर्ताओं को दे रहे प्रशिक्षण


हालांकि, महिला एवं बाल विकास विभाग इस नई व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियों का आयोजन कर रहा है, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में इस योजना को लेकर कुछ असंतोष और विरोध भी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि ओटीपी के माध्यम से राशन वितरण में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर जब लोग ओटीपी देने से इंकार कर सकते हैं या फ्रॉड के मामलों का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा, जिले के कई इलाकों में नेटवर्क की समस्या है, जिससे ओटीपी और ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं।

सिस्टम में आने वाली समस्याएं और समाधान

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस प्रणाली को लागू करते समय कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो सकती है, और इसके समाधान के लिए उपयुक्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। विभाग को चाहिए कि वह इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाले ताकि हितग्राही बिना किसी रुकावट के पोषण आहार प्राप्त कर सकें। वहीं, पोषण आहार वितरण के इस नए ट्रैकर एप प्रणाली से यह उम्मीद जताई जा रही है कि इससे लाभार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी। हालांकि, इसका सफलतापूर्वक संचालन तब ही संभव होगा जब विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिलकर इस योजना को लागू करने में पूरी तत्परता और सहयोग दिखाएंगे।

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