यातायात के अन्य नियमों का भी पालन नहीं
वहीं, चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट को लेकर भी लोग लापरवाही करते पाए गए। मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना, गति सीमा का उल्लंघन, यातायात संकेतकों का उल्लंघन, नो पार्किंग उल्लंघन, दो पहिया पर दो से ज्यादा सवारी बैठाने जैसे उल्लंघन के मामले पाए गए। लेकिन कैमरे की नजर बंद होने से यातायात नियमों का पालन को लेकर लोग लापरवाह हो गए हैं।
नियमों का पालन न करने पर हर साल 250 से ज्यादा मौतें
जिले में हर साल 700 से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। वहीं, 600 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में इलाज के दौरान होने वाला दर्द सहना पड़ रहा है। ज्यादातर दुर्घटनाएं यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर हो रही है। सडक़ पर सुरक्षित चलने के लिए यातायात के नियमों का पालन जरूरी है। लेकिन जिले में हो रहे ज्यादातर हादसों में ट्रैफिक रुल्स का पालन ही नहीं किया गया। दुर्घटना के समय वाहन चालकों ने यातायात के नियम को पालन नहीं किया, जिससे हादसे का शिकार हो गए। कई मामलों में एक पक्ष की गलती से दुर्घटना होती है, हालांकि हादसे का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है। सडक़ हादसे से बचने के लिए ट्रैफिक नियम का पालन और हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को बनाए रखने की जरूरत है। बाइक सवारों की दुर्घटना के मामलों में हेल्मेट न होने से भी कई लोग जान गंवा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
तीन साल में हादसे- 2142
तीन साल के हादसों में मौत- 744
तीन साल में घायल- 1886
इनका कहना है
सर्वर मेंटनेंस के लिए कैमरे से चालाना की प्रक्रिया फिलहाल बंद है। भोपाल से सर्वर चालू होते ही कैमरे से ऑनलाइन चालान शुरू हो जाएंगे। सभी कैमरे चालू हालात में हैं। लोगों को यातायात नियमों के पालन के लिए जागरुकता अभियान और कार्रवाई जारी है।
बृहस्पति साकेत, यातायात प्रभारी