भौगौलिक स्थिति व ग्रेनाइट पत्थर का बड़ा असर
अंग्रेजों के बसाए नौगांव नगर की भौगोलिक स्थिति ही सबसे ज्यादा ठंड व गर्मी की वजह है। इसके साथ ही ग्रेनाइट के पहाड़ों के चलते भी मौसम का असर बढ़ जाता है। इसी तरह खजुराहो में भी भौगौलिक स्थिति व ग्रेनाइट के पहाड़ों के कारण सर्दी में सर्दी और गर्मी में गर्मी का असर आसपास के इलाके से एक से दो डिग्री अधिक बढ़ जाता है। कर्क रेखा के उत्तर में नौगांव विशेष स्थान पर बसा है। जिससे सूर्य की किरणें कम प्रभाव से पहुंचती है। जिससे ज्यादा ठंडा होता है। इसके साथ ही हिमाचल से आने वाली उत्तरपूर्वी हवाएं पहले पहुंचती है, इसलिए ठंड अधिक होती है। वहीं, नौगांव के नीचे चट्टानी मिट्टी की पथरीली परत है, जो जमीन की ऊर्जा विचरण की क्षमता को प्रभावित करती है। ठंड में ज्यादा ठँडी व गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ती है ठीक ऐसे ही हालात खजुराहो में भी है।
इनका कहना है
नौगांव व खजुराहो की लोकेशन व पहाड़ो के चलते सर्दी व गर्मी में तापमान सबसे कम और ज्यादा रहता है। लोकेशन के चलते सूर्य की किरणों का ठंड में असर कम होने से उत्तर से आने वाली हवाएं का असर ज्यादा पड़ता है।
आरएस परिहार, प्रभारी, मौसम केन्द्र खजुराहो
डॉ. पीके जैन, प्रोफेसर, भूगर्भ शास्त्र, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय