आपको बता दें कि वैसे तो प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी का प्रोडक्शन 2000 में बंद कर दिया गया था। लेकिन करीब 3000 टैक्सी मुंबई में चलती रही, जिनकी संख्या अब घटकर करीब 50 रह गई है। ये 50 टैक्सी भी अब अगले से दिखना बंद हो जाएगी । चलिए आपको हम बताते हैं इस कार का इतिहास
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1964 में शुरू हुआ था सफर-
1964 में Fiat 1100 डिलाइट कार के नाम से मुंबई की सड़कों पर दौड़ना शुरू किया था। 1974 में इसका नाम भारतीय रानी पद्मिनी के नाम पर प्रीमियर पद्मिनी रख दिया गया है। स्लीक डिज़ाइन और हल्की कदकाठी की वजह से मुंबई की तंग सड़कों पर ये कार आराम से चली जाती थी यही वजह थी की मुंबई अथॉरिटीज ने इस कार को चुना था । लेकिन 2013 में सरकार ने प्रदूषण के चलते बीस साल से पुराने वाहन को सड़क से हटाने का निर्देश दिया। यही वजह है कि अब इस कार का आखिरी बची गाड़ियां भी इतिहास का हिस्सा हो जाएंगी।