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दरअसल परिवहन विभाग ने गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का नियम बनाया इसके तहत दिल्ली में लगभग 40 लाख गाड़ियों पर हाई सिक्य़ोरिटी नंबर प्लेट लगने हैं और ये काम 13 अक्टूबर से पहले हो जाना है।
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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को जिले के संबंधित डीलर, वर्कशॉप, कल्याण संघ के माध्यम से, संबंधित उपमंडल अधिकारी (नागरिक) कार्यालय, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण कार्यालय और लिंक उत्सव रजिस्ट्रेशन प्लेटस प्राइवेट लिमिटेड के केंद्रों पर लगवाया जा सकता है।
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वैसे अभी अगर आप कोई भी कार खररीदते हैं। तो वह पहले से ही हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट के साथ आती है। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली एनसीआर में लगभग 40 लाख गाड़ियां से ज्यादा पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं हैं। इनमें फोर व्हीलर और टू-व्हीलर दोनों वाहन शामिल हैं। अधिकारी के मुताबिक नए नंबर प्लेट देने के लिए दिल्ली में 13 अधिकृत सेंटर हैं।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट-
हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एल्यूमिनीयम का बना हुआ एक प्लेट होगा। इस नंबर प्लेट पर एक होलोग्राम लगा होगा जिसपर एक चक्र बना होगा। यह होलोग्राम एक ऐसा स्टीकर होगा जिसपर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर इंगित होगा। सबसे खास बात यह है कि यह होलोग्राम जल्द नष्ट होने वाली नहीं होगा। इसके अलावा हर प्लेट पर 7 अंकों का एक यूनीक लेजर कोड होगा जो कि हर वाहन के नंबर प्लेट पर अलग-अलग होगा। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्टेशन नंबर होगा वो सबसे खास होगा। जिसे हटाने या फिर मिटाने में पसीने छूट जायेंगे। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा गया होगा वो किसी पेंट या फिर स्टीकर आदि से नहीं लिखा होगा। नंबर को आपके प्लेट पर प्रेसर मशीन से लिखा गया होगा जो कि प्लेट पर उभरा हुआ दिखेगा।आपको बता दें कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया था। दिल्ली में अप्रैल 2012 में हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट लगाने शुरू कर दिए गए थे।