यही कारण है कि अगामी लोकसभा चुनाव में भी भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अध्यक्षता में चुनाव लड़ेगी। अब इस सबके बीच अमित शाह को भाजपा अध्यक्ष पद छोड़ने की मांग उठी है और यह मांग किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा के ही संस्थापक सदस्यों में से एक संघप्रिय गौतम ने की है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आरएसएस को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि यदि नरेंद्र माेदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है तो संगठन में फेरबदल करने की जरूरत है।
पत्र में संघप्रिय गौतम ने लिखा है कि मोदी हटें, गडकरी बढ़ें तो भाजपा बचे। 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत से नरेंद्र मोदी का कद बहुत ऊंचा हुआ है और उनकी नीतियों के कारण ही देश का नाम दुनिया में रोशन हुआ है। वहीं पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावाें में भी अप्रत्याशित जीत हासिल की। लेकिन इसके बाद से मोदी मंत्र और अमित शाह के चक्रव्यूह को ग्रहण लग गया है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए चुनाव में मोदी मंत्र और अमित शाक का चक्रव्यूक निष्प्रभावी साबित हुआ। यहां भाजपा की सरकारें चली गईं।
इसके लिए हार की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेनी चाहिए। वहीं अब जल्द ही लाेकसभा चुनाव होने हैं। इनमें भी मोदी मंत्र नहीं चलेगा क्योंकि कार्यकर्ता निराश हैं। संगठन में फेरबदल करना चाहिए और नितिन गडकरी को उप्रधानमंत्री बनाना चाहिए। वहीं योगी आदित्यनाथ को धर्मिक कार्यों में लगाकर राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। इसके अलावा अमित शाह को अब राज्यसभा में भेजकर शिवराज सिंह चौहान को भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदार सौंपी जानी चाहिए। इससे बाद ही कार्यकर्ताओं में फिर से जोश आएगा।
गौरतलब है कि बुलंदशहर में जन्मे संघप्रिय गौतम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। वह संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर भी कई महत्वपूण्र जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।