शुक्रवार काे बुलदंशहर में दाे अलग-अलग वीडियो सामने आई। पहली वीडियो खाकी काे शर्मसार करने वाली थी। इस वीडियो में लाेगाें ने देखा कि पुलिसकर्मी एक गरीब दुकानदार काे कॉलर पकड़कर खीच रहे हैं और उसके बच्चे बिलख रहे हैं। पुलिस विराेध के बावजूद दुकानदार को गाड़ी में बैठा लेती है। अपने पिता काे छुड़ाने के लिए दुकानदार की एक बेटी पुलिस की गाड़ी से सिर पटकती रहती है लेकिन पुलिसकर्मियों पर इसका काेई फर्क नहीं पड़ता। पुलिस के अमानवीय चेहरे का यह वीडियो साेशल मीडिया पर वायरल हुआ ताे पुलिस की छवि धूमिल हाेने लगी।
इस वीडियाे का सीएम ने खुद संज्ञान लिया ताे फिर एक दूसरा वीडियो सामने आया। सीएम याेगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया ताे अफसरों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दुकानदार काे पुलिस हिरासत से छुड़वाया गया और अफसर मिठाईयां लेकर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। घर पहुंचे अफसरों ने बताया कि बुलदंशहर में एनजीटी के आदेश थे कि काेई भी पटाखे की दुकान नहीं लगेगी। इसी क्रम में पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई थी लेकिन इस दाैरान एक ऐसी घटना हाे गई जाे ह्दय काे झकझोर देने वाली थी। ऐसे समय में पुलिसकर्मियों से संवेदनशीलता अपेक्षित थी जाे नहीं अपनाई गई। इसी आधार पर हेड कांस्टेबल काे सस्पेंड कर दिया गया है और बच्चे के मन में काेई पूर्वाग्रह ना बन जाए यही साेचकर परिवार के साथ दिवाली मनाने पहुंचे हैं। अफसरों के घर पहुंचने के बाद बच्ची ने भी कहा कि वह खुश है।