इश्करण सिंह भंडारी जो जस्टिस के लिए पीपल्स मूवमेंट (Ishkaran Singh Bhandari people’s movement) चला रहे हैं, उन्होंने हाल ही में एचटी से बातचीत में कहा सुशांत की मौत के कुछ ही समय बाद सुसाइड शब्द सामने आ गया और पूरे मीडिया में इसे आत्महत्या घोषित कर दिया Ishkaran raised question on Suicide word after Sushant death) गया। साधारण सी बात तब होती जब इसे रहस्यमई मौत (Ishkaran called mysterious death of Sushant) कहा जाता, तहकीकात की जाती और फिर निष्कर्ष पर पहुंचते कि ये ट्रेजेडी, सुसाइड या मर्डर है। लेकिन कुछ ही मिनटों में ये पूर्वनिर्धारित कैसे हुआ।
इश्करण ने सुशांत के कथित तौर पर 50 बार सिम कार्ड्स बदले जाने (Sushant allegedly changed 50 SIM cards) के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने मुंबई पुलिस को इन चीजों को लेकर लेटर लिखा था। पहले खत में मैंने पूछा था कि सोर्स के मुताबिक, ना सिर्फ सोर्स के मुताबिक बल्कि एक नाम के मुताबिक दी गई जानकारी के अनुसार सुशांत सिंह राजपूत ने 50 बार सिम कार्ड्स बदले थे। मैंने उनसे उन सभी सिम कार्ड्स को सीज करने के लिए सवाल किया (Ishkaran asked Sushant 50 SIM cards to be sealed) था। उन सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूत जो उनसे जुड़े हुए हैं या उनके करीबी लोगों से जुड़े हुए हैं। ये साधारण से बहुत ज्यादा संख्या है इसीलिए मैंने पूछा कि इस सबूत को सीज किया गया है या नहीं? अगर मुंबई पुलिस इन्वेसटिगेट कर रही हैं तो आशा है कि उन्होंने ये पहले ही कर दिया होगा। अगर अभी तक नहीं किया है तो ये सवाल पर सवाल खड़े करता है।
इश्करण ने बताया कि मैंने उनसे ये पूछा था कि उन्होंने अभी तक फ्लैट सील किया है या नहीं (Ishkaran asked falt Sushant sealed or not)। भरोसेमंद मीडिया के द्वारा ही मैंने सुना था कि उन्होंने सुशांत के निधन के एक दिन बाद फ्लैट सील किया। जो बहुत हैरान करने वाला है। हम सभी जानते हैं कि सबूतों को मिटाया जा सकता है। तो सवाल ये है कि इस तरह की बेसिक चीजें भी क्यों नहीं की गई। इस केस में बहुत खामिया (Ishkaran talks about lapses in Suhsant case) हैं इसलिए इसे सीबीआई (Ishkaran asked CBI inquiry in Sushant case) को सौंपना जरूरी हो गया है।