अब कंगना ने इस पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि हिजाब से ज्याद जरूरी किताब और बच्चों की शिक्षा है। हिजाब से ऊपर किताब है। स्कूल का एक ड्रेस कोड होता है और हर किसी को उसका पालन करना चाहिए। जब आप स्कूल जाते हैं तो इसका मतलब ही यही है कि वहां हमें यूनिफॉर्म में जाना है, ताकि हर बच्चा एक-सा हो और उनमें कोई भेदभाव न रहे। स्कूल के ड्रेस कोड की सभी को इज्जत करनी चाहिए। स्कूल में किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न को प्रमोट नहीं करना चाहिए। जब एक यूनिफॉर्म दी जाती है तो उसमें गरीब-अमीर, हिंदू-मुस्लिम सब घुलमिल जाते हैं। स्कूल में न तो ‘जय माता दी’ का दुपट्टा चल सकता है और न ही बुर्का।
तो वहीं कंगना रनौत ने एबीपी न्यूज के साथ बातचीत में शबाना आजमी के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “हिंदुस्तान और अफगानिस्तान में फर्क है। लेकिन वो (शबाना आजमी) ये कहना चाह रही हैं कि हिंदुस्तान अब एक लोकतांत्रिक देश है। लेकिन 70-80 साल पहले हिंदुस्तान लोकतांत्रिक नहीं था। और इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि इसके बाद भी 70 साल बाद हिंदुस्तान लोकतांत्रिक रहे। इसकी रक्षा करनी पड़ती है। इसके लिए आवाज उठानी पड़ती है।”
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आपको बता दें कंगना इस वक्त रियलिटी शो ‘लॉकअप’ को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। ये शो 27 फरवरी से एमएक्स प्लेयर और ऑल्ट बालाजी पर दिखाया जाएगा। कंगना रनौत ने हाल ही में बताया कि वो अपने इस शो के लॉरअप में बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के अलावा राजनेताओ को देखना चाहेंगी।