डायरेक्टर आनंद पटवर्धन का कहना है बाबरी मस्जिद एक घोषित राष्ट्रीय स्मारक थी। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद केवल मुस्लिमों के लिए नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए थी। उसको तोड़ने वाले नेता कभी जेल नहीं गए, उनको सम्मानित किया गया। आनंद ने आगे कहा- धर्मनिरपेक्ष भारत तभी बनाया जा सकता है जब हम अपने स्वतंत्रता के मूल्यों को फिर से अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने से तीन महीने पहले ‘राम के नाम’ से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। इस डॉक्यूमेंट्री में सारी सच्चाई दिखाई गई है। बता दें कि अयोध्या पर फैसले के बाद सलमान खान के पिता सलीम खान ने भी फैसले का स्वागत किया था।
बता दें कि अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा मस्जिद को खाली जमीन पर नहीं बनाया गया था। रिपोर्ट में पाया गया कि खुदाई में निकला हुआ ढांचा गैर-इस्लामिक था। सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ढहाया गया ढांचा भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की ये आस्था विवाद से दूर है। अदालत को धर्म और श्रद्धालुओं की आस्था को स्वीकार करना चाहिए।