मीना कुमारी
इनका असली नाम महजबीन था, इस अभिनेत्री को ट्रेजेडी क्वीन भी कहा जाता था। फिल्म पाकीजा के कुछ दिन बाद मीना कुमारी बीमार हो गई और वह कोमा में चली गई। मीना कुमारी ने जिंदगी में काफी संघर्ष किया और दुख तो जैसे उनका साथी ही बन गया था। कम उम्र में जितनी शोहरत मीना कुमारी को मिली वह ज्यादा दिन नहीं टिक सकी और मीना कुमारी के पास इलाज कराने तक के पैसे नहीं थे। महज 38 साल की उम्र में इस अदाकारा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।ए के हंगल
शोले फिल्म का यह डायलॉग “इतना सन्नाटा क्यों है भाई” आज भी लोगों के जेहन में है। यह डायलॉग शोले फिल्म में रहीम चाचा यानी ए के हंगल ने बोला था। हंगल का बचपन पेशावर और कराची की गलियों में बीता है। बंटवारे के वक्त वह मुंबई आ गए थे। शोले और आईना जैसी कई सुपरहिट फिल्मों ने एके हंगल को पहचान दिलाई। साल 2006 में पद्मभूषण पुरस्कार पाने वाले ए के हंगल ने आजादी की लड़ाई में भी भाग लिया था। हाई ब्लड प्रेशर और किडनी सहित कई बीमारियों ने उन्हें घेर लिया था। पैसों की कमी के चलते वे समय पर इलाज नहीं करा पा रहे थे, जिसके चलते कुछ एक्टर्स ने उनकी मदद की थी। एके हंगल ने अपना आखिरी समय टूटे-फूटे किराए के घर में गुजारे थे और अपने स्वाभिमान के लिए जीने वाले ए के हंगल आज इस दुनिया में नहीं है।भगवान दादा
इनका असली नाम भगवान आभाजी पलव था। गुजारा करने के लिए उन्होंने शुरू में मजदूरी भी की है। भगवान दादा को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। मूक सिनेमा के दौर में उन्होंने फिल्म में क्रिमिनल से बॉलीवुड में कदम रखा। फिल्म अलबेला के गीत “शोला जो भड़के” से काफी फेमस हुए। बुलंदी की सीढ़ियां चढ़े भगवान दादा एक बार फिर तंगहाली के दौर से गुजरने लगे। उनकी लगातार कई फिल्में फ्लॉप होती रहीं और वे अर्श से फर्श पर आ गए। हालत इतनी खराब हुई कि उन्हें अपना 25 कमरों वाला बंगला और अलग-अलग रंग की 7 कारें बेचनी पड़ी। वहीं हार्ट अटैक के चलते भगवान दादा इस दुनिया को अलविदा कह गए।परवीन बॉबी
हिंदी सिनेमा की सबसे खूबसूरत और बोल्ड एक्ट्रेस में शुमार परवीन ने दो दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया है। सत्यम शिवम सुंदरम में उनके काम को काफी सराहा गया। परवीन की जोड़ी अमिताभ बच्चन के साथ खूब जमती थी, जिस वजह से दोनों को फिल्म में साथ लेने के लिए डायरेक्टर्स की होड़ लगी रहती थी। वे पहली अदाकारा थी जिनकी फोटो टाइम मैगजीन में छपी थी। जब परवीन का कैरियर ऊंचाइयों पर था तब वे बिना बताए अपने दोस्तों के साथ अध्यात्म की तलाश में अमेरिका चली गई थी। जब वह मुंबई लौटी तब उनका वजन काफी बढ़ चुका था। वह घर पर अकेली ही रहती थी जिससे वे मानसिक तौर पर बीमार रहती थी। प्रवीण डायबिटीज और गैगरीन रोग से पीड़ित थी, जिस वजह से उनकी किडनी और शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। परवीन की बॉडी 2 दिन बाद एक फ्लैट में मिली थी, उनकी मौत आज भी एक रहस्य है।गीता कपूर
गीता कपूर ने सुपरहिट मूवी पाकीजा में काम किया था। गीता का आखिरी समय काफी दिक्कतों से गुजरा। अंतिम समय में उनके बच्चों ने भी उनका ख्याल नहीं रखा और उन्हें अस्पताल में छोड़कर भाग गए थे। बॉलीवुड के कई दूसरे सितारों ने उनके इलाज का खर्च उठाया था और आर्थिक तंगी में ही उन्होंने अपनी आखिरी सांसें ली।विमी
जालंधर के सिक्क फैमिली में जन्मी विमी का असली नाम विमलेश वाधवान था। विमी की शादी कोलकाता के मारवाड़ी बिजनेसमैन शिव अग्रवाल से हुई थी। विमी ससुराल में ऐशो आराम की जिंदगी गुजार रही थी। वहीं एक पार्टी में विमी बीआर चोपड़ा से मिली जहां उन्होंने ‘हमराज’ फिल्म के लिए पति के कहने पर हां भर दी थी। ससुराल वालों ने उन्हें फिल्मों में जाने से इंकार कर दिया, जब विमी नहीं मानी तो उन्हें जायदाद में से कुछ हिस्सा देकर पति से रिश्ता खत्म कर दिया। फिल्म ही उनकी दुनिया और एक्टिंग ही उनकी जिंदगी बन गई। लीवर की बीमारी के चलते विमी की मौत हो गई थी। उनकी लाश को लेने जब कोई नहीं पहुंचा तो कुछ लोग ठेले पर उनके शव को लेकर श्मशान घाट पहुंचे। 60 के दशक में सनसनी मचाने वाली इस अदाकारा का अंत काफी दर्दनाक रहा।भारत भूषण
भारत ने कालिदास तानसेन और कबीर सहित कई सुपरहिट फिल्में की हैं। बड़े भाई के कहने पर उन्होंने बसंत बहार और बरसात की रात नामक फिल्में बनाई। यह फिल्में सुपरहिट साबित हुई और वे मालामाल हो गए। बड़े भाई के उकसाने पर उन्होंने और भी फिल्में बनाई जो एक के बाद एक फ्लॉप होती गईं। भारत कर्जे में डूब गए और तंगहाली में उन्होंने साल 1992 को दुनिया को अलविदा कह दिया।अचला सचदेव
“ऐ मेरी जोहरा जबी” गाने के बोल तो आपने सुना ही होंगे। यह गाना इतना मशहूर हुआ कि वह आज भी लोगों की जुबान पर छाया रहता है। पेशावर में जन्मी अचला ने कभी खुशी कभी गम, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे मैं सिमरन की दादी का रोल निभाया, इसके अलावा उन्होंने कई फिल्मों में मां का रोल निभाया। पति की मौत के बाद वे 12 साल तक पुणे में एक फ्लैट में अकेली रहती थी। एक अटेंडेंट उनकी देखभाल करता था। वह किचन में 1 दिन पानी लेने के लिए गए और वहां पर गिर जाने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जल्द ही उन्हें डिसचार्ज भी कर दिया गया। इसके बाद अचला की ब्रेन में खून के थक्के जमने की बात सामने आई। रिपोर्ट के मुताबिक उनका आखिरी समय कंगाली में गुजरा और अकेलेपन से जूझते हुए पुणे के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसे ली।श्री वल्लभ व्यास
श्री वल्लभ व्यास ने फिल्म लगान में ईश्वर काका का रोल निभाया था। भोजपुरी शूटिंग के दौरान 2008 में गुजरात में एक होटल के बाथरूम में गिर गए थे। उन्हें सर में चोट आई और उन्हें बड़ोदरा ले जाया गया, जहां उनके सिर का ऑपरेशन किया गया। पत्नी शोभा व्यास के मुताबिक पैसों के तंगी के कारण उन्हें 2 साल में तीन घर बदलने पड़े किसी ने उनकी मदद नहीं की। उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं लंबी बीमारी के बाद 2018 में इस अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया।