scriptPatrika Raksha Kavach Abhiyan: 11 साल के बेटे ने मां को ठगी से बचाया, ऑनलाइन सामान घर पहुंचाने शातिर ने मांगा OTP फिर… | Patrika Raksha Kavach Abhiyan: 11 year old son saved his mother from fraud | Patrika News
बिलासपुर

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: 11 साल के बेटे ने मां को ठगी से बचाया, ऑनलाइन सामान घर पहुंचाने शातिर ने मांगा OTP फिर…

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: ‘आपका ऑनलाइन में बुक सामान गनियारी में अटका है, एक लिंक भेज रहा हूं, उसे खोल कर ओपीटी भेजें…तब सामान आपके घर पहुंच जाएगा…।’ यह अनजान कॉल आते ही उपभोक्ता शिक्षिका ने लिंक को टच किया तो ओटीपी आ गया। उसे सेंड करने ही वाली थीं कि तभी उनके 11 साल के बेटे ने उन्हेें रोकते हुए कहा…

बिलासपुरDec 01, 2024 / 04:38 pm

Khyati Parihar

Patrika Raksha Kavach Abhiyan
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बेटे का कहा मानकर मां के मोबाइल से हाथ हटाने के कुछ देर बाद फ्लिप कार्ट का पार्सल बॉय सामान लेकर आया। उससे ओटीपी के बारे में पूछने पर कंपनी द्वारा ऐसा कोई कॉल न करने की बात कही। महिला समझ गई कि वह किसी साइबर ठग का ही कॉल था। इस तरह बेटे की जागरुकता ने मां को ठगी होने से बचा लिया। गौरतलब है कि साइबर क्राइम की मकड़जाल में आकर लोग आए दिन ठगी के शिकार हो रहे हैं। जरा सी चूक हुई और पल भर में खाता खाली। लेकिन सावधानी बरतने से ऐसी ठगी से बचा जा सकता है।

मां को ऐसे बचाया ठगी से

परसदा निवासी एक शिक्षिका ने फ्लिपकॉर्ट से सूट मंगाया था। दो दिन बाद उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आया कि उनका सामान कोटा क्षेत्र के गनियारी में अटका हुआ है। शिक्षिका ने कहा कि उन्होंने तो अपना पूरा एड्रेस नोट कराया था, फिर वहां सामान क्यों अटक गया। इस पर कॉलर ने कहा कि कुछ तकनीकी गड़बड़ी होने की वजह से सामान एड्रेस पर नहीं पहुंच पाया। इसके लिए एक लिंक सेंड कर रहा हूं, उसे टच करते ही ओटीपी आएगा, उसे बता दीजिए तो सामान आपके घर तक आसानी से पहुंच जाएगा।
शिक्षिका ने लिंक टच किया तो ओटीपी आया। वह ओटीपी कॉलर को सेंड करने ही वाली थीं कि पास बैठे 11 साल के बेटे ने रोकते हुए कहा कि आजकल ऐसे फ्राड कॉल बहुत आते हैं। जिसमें लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्हें स्कूल में इसकी जानकारी दी गई है। इस पर मां ने कुछ सोचते हुए अपने हाथ रोक लिए और ओटीपी नहीं भेजा। दूसरे दिन फिर कॉल आया और ओटीपी नहीं बताने पर नाराज होते हुए कहा कि ऐसे में सामान नहीं मिलेगा। शिक्षिका ने बिना बात किए कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। तभी कुछ देर बाद फ्लिपकॉर्ट का डिलीवरी बॉय सामान लेकर आ गया।
महिला ने उससे पूछा कि क्या उन्होंने ही ओटीपी मांगा था, तो उसने इनकार कर दिया। उसे पूरा मामला बताने पर डिलीवरी बॉय ने कहा कि न तो उनका सामान गनियारी में अटका था और न कंपनी ने कोई ऐसा कॉल किया है। इतना सुनते ही शिक्षिका समझ गई कि बेटे की बात मानने से वह ठगी होने से बच गई।
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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: स्कूल में साइबर क्राइम से बचने की सीख आई काम

बच्चे ने बताया कि उसे साइबर ठगी से होने वाली घटनाओं और इससे कैसे बचें, इसकी जानकारी स्कूल में समय-समय पर दी जाती है। इसके अलावा पापा जब टीवी पर समाचार देखते हैं तो उसमें भी कई बार ऐसी घटनाओं के बारे में सुना है। जब ऐसा ही कॉल मम्मी के पास आया तो उसे संदेह हुआ और मम्मी को अलर्ट कर दिया।

टॉपिक एक्सपर्ट: सतर्कता ही बचाव: तिवारी

वर्तमान में लोग ऑनलाइन शापिंग ज्यादा कर रहे हैं। इसी का फायदा साइबर फ्राड किसी न किसी रूप में उठा रहे हैं। इस मामले में ठग ने डिलीवरी के बारे में किसी न किसी प्रकार से जानकारी ली होगी, तभी उनसे ऐसा पैंतरा अपनाया होगा। उपभोक्ता ने बहुत सही किया जो ओटीपी नहीं भेजा। ऐसा कोई भी कॉल आने पर पहले प्रॉपर साइट पर जाकर इसकी जानकारी लें। ध्यान रखें कि साइट भी मिलता-जुलता रहता है, लिहाजा बारीकी से ध्यान देकर ही पड़ताल करें। जब सामान की डिलीवरी मिल जाए, तभी उसका भुगतान करें। सामान मिलने से पहले ऑनलाइन कैश कभी न भेजें।

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