वन अफसरों ने बताया कि बाघिन यहां से 15 किलोमीटर दूर मरवाही वनमंडल की ओर बढ़ रही है। ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए इस बाघिन पर नजर बनाए हुए हैं। वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो बाघिन आबादी वाले क्षेत्रों के करीब है। ऐसे में लोगों को अधिक सतर्क रहना होगा। लगातार विभाग
पिकनिक मनाने के लिए जंगलों और झरनों की ओर जाने वालों को आगाह कर रहे हैं कि कोटा से लगे मरहीमाता और मरवाही क्षेत्र के जंगलों में बाघिन विचरण कर रही है। ऐसे में जंगलों में पिकनिक मनाना खतरनाक हो सकता है। रात में जंगल से जुड़े सड़क मार्ग पर आने-जाने वालों को भी सचेत किया जा रहा है कि वो सभलकर आना-जाना करें।
रेडियोकॉलर से पता चल रहा लोकेशन
बाघिन मरहीमाता से 15 किमी दूर अब मरवाही के जंगलों की ओर जा रही है। वन विभाग के कर्मचारी उस पर नजर बनाए रखे हैं। बाघिन के गले में रेडियो कॉलर लगे होने के कारण उसका लोकेशन आसानी से पता चल रहा है। गांवों में मुनादी की जा रही है। जंगलों में पिकनिक जाने वालों को भी चेतावनी दी जा रही है। गांवों में हो रही मुनादी, पशुओं को भी सुरक्षित रखें
वन अफसरों ने बताया कि
बाघिन मरहीमाता मंदिर से तो दूर जा चुकी है, लेकिन अभी भी वो आबादी वाले गांवों के करीब ही बनी हुई है। ऐसे में उसके रूट में आने वाले गांवों में मुनादी कराते हुए लोगों को आगाह किया जा रहा है कि दिन ढलने के बाद अपने घरों के दरवाजे अच्छे से बंद करें। मवेशियों को भी सुरक्षित स्थान पर लेकर जाएं। रात में किसी भी हालत में जंगल की ओर न जाएं। दिन में भी जंगल के अंदरूनी क्षेत्र में प्रवेश न करें।