उनका पार्थिव देह सोमवार को मैनपुरी के एकरसानन्द आश्रम में रखा जाएगा जहां शाम 4 बजे उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में एकरसानन्द आश्रम में उनको समाधि दी जाएगी। बता दें कि महामण्डलेश्वर शारदानंद सरस्वती अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम के प्रमुख थे और मृत्युंजय आश्रम दैवी संपद मंडल मैनपुरी संस्था के भी प्रमुख थे। मृत्युंजय आश्रम अमरकंटक के प्रमुख आश्रमों में से एक है।
शारदानंद सरस्वती बाल्यकाल में स्वामी भजनानंद के पास आए थे। स्वामी भजनानंद ने उनको प्रारंभिक शिक्षा दी जिसके बाद उन्हें वेदों के अध्ययन के लिए काशी भेज दिया। वे देवी संपद मंडल के अध्यक्ष भी थे और केंदई स्थित स्वामी भजनानंद आश्रम में हर साल आदिवासी जोड़ों के विवाह की शुरुआत की थी।