करोड़ों रुपए की लागत से बने ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े
सुनवाई के दौरान
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि खबरों से पता चल रहा है कि जिला अस्पताल बिलासपुर में करोड़ों रुपए की लागत से बने ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं। उक्त स्थिति के कारण एनआईसीयू, आईसीयू और अन्य वॉर्डों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद है। Hospital Oxygen Plant Shutdown इस स्थिति के बावजूद अस्पताल प्रबंधन सब कुछ ठीक होने का दावा करता रहता है।
कोविड महामारी काल में जिला अस्पताल में तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे, लेकिन इनके रख-रखाव के लिए कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया गया और तो और इनका संचालन अप्रशिक्षित कर्मचारियों व कंप्यूटर ऑपरेटरों से कराया जा रहा है, जिसके कारण दो ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़े हैं।
वर्तमान में बाहर से लाए गए ऑक्सीजन सिलेंडरों से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। विभिन्न अधिकारियों द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किए जाने के बावजूद बंद पड़े
ऑक्सीजन प्लांटों को चालू करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अंबेडकर अस्पताल में आपात चिकित्सा बदहाल
दूसरा मामला रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल से जुड़ा है। खबर में बताया गया है कि रविवार को ओपीडी बंद रहती है और आपातकालीन स्थिति में डॉक्टर सिर्फ कॉल पर ही ड्यूटी करते हैं।
Hospital Oxygen Plant Shutdown अस्पताल को सिर्फ मेडिकल स्टाफ के सहारे चलाया जा रहा है। जब भी छुट्टी होती है तो स्वास्थ्य केंद्र को इमरजेंसी मोड पर छोड़ दिया जाता है और मरीजों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए भी दवा नहीं मिलती।
जिला अस्पताल में ओपीडी कक्षों में ताले लगे रहते हैं। इस तरह की व्यवस्था के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है। महाधिवक्ता ने इन मामलों में आवश्यक निर्देश और जानकारी लेने के लिए समय मांगा है।
बाहर से सिलेंडर लेकर कमीशनखोरी
Hospital Oxygen Plant Shutdown: कोर्ट ने यह भी कहा कि जो आरोप लगाए गए हैं, उस अनुसार ऑक्सीजन संयंत्र अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन प्लांट चालू करने में रुचि नहीं ली जा रही। प्रतिदिन लगभग 30 से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है, जिसका भुगतान मासिक आधार पर किया जाता है। इसमें कमीशनखोरी की शिकायत भी मिल रही है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं, लेकिन भारी भरकम खर्च करके लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट को चालू करने का प्रयास नहीं किया गया है।