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बिलासपुर

कोरोना काल के बाद तेजी से बढ़ रहे हार्ट के मरीज, हृदय को स्वस्थ रखने के लिए नियमित करें यह काम

Health Alert: कोरोनाकाल के बाद लोगों में कई साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। इसमें हार्ट की समस्या भी सामने आ रही है।

बिलासपुरNov 30, 2023 / 09:43 am

Khyati Parihar

Heart patients are increasing rapidly after the Corona period

कोरोना काल के बाद तेजी से बढ़ रहे हार्ट के मरीज

बिलासपुर। CG Health Alert: कोरोनाकाल के बाद लोगों में कई साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। इसमें हार्ट की समस्या भी सामने आ रही है। डॉक्टरों के मुताबिक कोविड के पहले तक जहां सिम्स, अपोलो समेत जिले के अस्पतालों में औसतन 10 हार्ट के मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे, यह संख्या बढ़ कर अब 30 पहुंच गई है।
कोविड-19 मुख्य रूप से एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन था। कुछ लोगों में इस इन्फेक्शन ने दिल समेत कई अन्य अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। अन्य वायरल इन्फेक्शन की तरह कोविड-19 भी सीधे इम्युनिटी पर हमला कर मायोकार्डिटिस का कारण बना। कोरोना वायरस के बाद पिछले 3 सालों में हार्ट की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। पहले जहां ज्यादातर 50 से 55 साल के लोगों में हार्ट की समस्या देखने को मिलती थी, अब युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। एक्सरसाइज न करना, हाई ब्लड प्रेशर होना, कोलेस्ट्रोल बढऩा, डायबिटीज होना पहले यह कारण माने जाते थे, लेकिन वर्तमान में लोगों में न ब्लड प्रेशर है, न डायबिटीज, इसके बावजूद हार्ट जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की हाल ही की एक स्टडी के अनुसार कोविड-19 के बाद दिल के रोगियों में 14त्न तक बढ़ोतरी हुई है, इनमें ज्यादातर 30 से 40 साल के युवा ही हैं। जिन लोगों को सीवियर कोविड हुआ था, उन्हें सख्त मेहनत से एक-दो साल और परहेज करना चाहिए।
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सर्दियों में हार्ट अटैक व अस्थमा अटैक का खतरा अधिक

कार्डियोलाजिस्ट के मुताबिक सर्दियों में हार्ट अटैक, पैरालिसिस सहित अस्थमा अटैक का खतरा अधिक रहता है। इसे लेकर इन बीमारियों से ग्रस्त लोगों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कई लोग सुबह 4 बजे टहलने निकलते हैं। सर्दी के सीजन में इस समय के अलावा ६ से ७ बजे का समय घूमने के लिए बेहतर होगा। ठंडे पानी से नहाना बंद करें व अधिक ठंडी चीजों का सेवन भी न करें।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन भी बढ़ा रहे हृदय रोग

डायबिटीज, हाइपरटेंशन और ओबेसिटी शरीर कई कई अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसमें आंख, किडनी, लिवर शामिल हंै। लेकिन इससे सबसे बड़ा खतरा हृदय को है। शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल लेवल के चलते हृदय में खून का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता है। लिहाजा यह हृदय तक खून पहुंचने के लिए अधिक बल का प्रयोग करता है। जिससे आर्टिरीज को नुकसान पहुंच सकता है।
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निमोनिया से बचाव बहुत जरूरी

डॉक्टरों के मुताबिक, मौसम परिवर्तन का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ता है। इस दौरान परिजनों को बच्चों का ध्यान ज्यादा रखने की जरूरत होती है। बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, जिसकी वजह से उनके तुरंत बीमार होने की आशंका अधिक होती है। इस मौसम में अगर ध्यान न रखा जाए तो सर्दी- जुकाम, सांस लेने में तकलीफ होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। लोग अक्सर इसे सर्दी में होने वाला वायरल मान लेते हैं, लेकिन यह सारे निमोनिया के शुरुआती लक्षण हैं।
सर्दी में यदि ठंड से बचाव नहीं किया जाए और ठीक से देखभाल नहीं की जाए तो नाक-गला, श्वास नली, फेंफड़े और कान में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस दौरान खांसी होना, नाक बहना, पसलियां चलना, गले में खराश होना, सांस तेज चलना, थकान और कमजोरी भूख में कमी, दिल की धडक़न तेज होना, तेजी से सांस लेना और बुखार होना नीमोनिया के प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं।
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हार्ट की बीमारी से बचने ये करें…

– जीवनचर्या में योग या एक्सरसाइज शामिल करें।
– तम्बाकू उत्पादों से दूर रहें।
– अपने खान-पान में फाइबर युक्त भोजन और फल शामिल करें।
– ऐसे लोग जिन्हें सीवियर कोरोना हुआ था, हार्ड एक्सरसाइज से बचें।
– संतुलित वजन बनाए रखें।
– नींद पूरी लें। इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। यह हृदय के लिए अच्छा है।
जिन्हें हुआ था सीवियर कोरोना वे हार्ड वर्क से बचें

कोरोनाकाल के बाद हार्ट की बीमारी के मरीजों की संख्या पहले की तुलना में बढ़ी है। क्योंकि कोरोना के संक्रमण से हार्ट का मैकेनिज्म सिस्टम बिगड़ गया है। कोरोनाकाल में आर्टरी ब्लॉकेज की वजह से हार्ट अटैक आने पर कई मौतें भी हुई थीं। कोरोना की चपेट में आए सीवियर मरीजों को हार्ट रिलेटेड अधिक बीमारी हो रही है। क्योंकि संक्रमण का असर हार्ट में ही हुआ था। इनके हार्ट का मैकेनिज्म सिस्टम कमजोर होने से ऐसी समस्या आ रही है। जरूरी है नियमित दिनदर्या का पालन करने की। ऐसे लोग जो सीवियर कोरोना की चपेट में थे, उन्हें कम से कम एक-दो साल और हार्ड वर्क से बचना होगा। सामान्य एक्सरसाइज, मेडिटेशन कर सकते हैं। – डॉ राजीव लोचन भांजा (हृदय रोग विशेषज्ञ, अपोलो हॉस्पिटल, बिलासपुर)

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