व्यवस्था: अवकाश नियम में संशोधन
बिलासपुर. प्रदेश में शासकीय महिला कर्मचारियों को उनके दो नाबालिग संतानों के पालन-पोषण करने के लिए सेवाकाल के दौरान 730 दिनों का अवकाश मिल सकेगा। संतान पालन अवकाश नियम में राज्य शासन ने संशोधन किया है। वित्त विभाग के संयुक्त सचिव एसके चक्रवर्ती ने संबंधित पत्र सभी कलेक्टरों को भेजा है। संशोधित अवकाश नियम के तहत महिला कर्मचारी को तय प्रोफार्मा भरकर आवेदन करना होगा। पूरे सेवाकाल में महिला कर्मचारी को अधिकतम ७३० दिन के लिए संतान पालना अवकाश की पात्रता होगी।
ऐसे मिलेगा लाभ
महिला शासकीय कर्मचारी को उनके 18 वर्ष से कम उम्र के दो ज्येष्ठ जीवित संतानों के लिए अवकाश मिल सकेगा। ये अवकाश एक कैलेंडर वर्ष में तीन बार से अधिक स्वीकृत नहीं किया जाएगा। किसी एक अवसर हेतु अवकाश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। जबकि न्यूनतम सीमा ५ दिन की होगी। संतान पालन अवकाश अर्जित अवकाश के समान मानी जाएगी, और उसी प्रकार से स्वीकृत की जाएगी।
देना होगा आवेदन
अवकाश के लिए तीन सप्ताह पूर्व आवेदन प्रस्तुत करना होगा। विशेष परिस्थितियों में १० दिन से कम अवधि के अवकाश स्वीकृति हेतु तीन सप्ताह की सीमा शिथिल की जा सकेगी। संतान पालन अवकाश हेतु आवेदन अवकाश नियम २०१० के प्रपत्र – १ अ में प्रस्तुत करना होगा। संतान पालन अवकाश दीगर अवकाश में समायोजित नहीं किया जा सकेगा।
जन्म प्रमाण पत्र जरूरी
संतान पालन अवकाश के समय केवल जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। आवेदक को आवेदन पत्र के कॉलम -१० पर आवेदित अवकाश का स्पष्ट कारण अंकित करना होगा।
कब ले सकेंगे अवकाश
यह अवकाश बच्चे के पालन -पोषण अथवा उसके विशिष्ट आवश्यकताओं जैसे परीक्षा, बीमारी इत्यादि के लिए स्वीकृत हो सकेगा।
अवकाश होंगे समायोजित
संतान पालन अवकाश के पहले या बाद में पडऩे वाले राजपत्रित या साप्ताहिक अवकाश स्वयमेव अवकाश के साथ समायोजित माने जाएंगे। अवकाश अवधि में पडऩे वाले एेसे अवकाश संतान पालन अवकाश की गणना में शामिल किए जाएंगे। अवकाश स्वीकृति का पूर्ण अधिकार प्रशासकीय विभाग को होगा।