बिलासपुर और पेड्रा को मिलकार 500 सैंपल लिए गए थे जिसमें 36 में एंटीबॉडीज मिले हैं। बिल्हा विकासखंड के 282 में से 28 और पेंड्रा विकासखंड के 218 में से आठ सैंपल पॉजिटिव हैं। यानी बिलासपुर जिले में 7.2 प्रतिशत लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाई गई है। सॢवलेंस के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों से सैंपल लिए गए थे। सीरो सॢवलेंस की रिपोर्ट के अनुसार बिलासपुर जिला चौथे नंबर पर है। जहां सर्वाधिक लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई है। इसके साथ ही रायपुर में 502 सैंपलों में 66 पॉजिटिव पाए गए हैं।
यानी 13.06 प्रतिशत में एंटीबॉडीज पाई गई है जो प्रदेश में पहला स्थान पर है वहीं दूसरे स्थान पर दुर्ग है जहां 499 सैंपलों में 43 पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी 8.61 प्रतिशत में एंटीबॉडीज पाई गई है। तीसरे नंबर पर जांजगीर चांपा है। जहां 500 लोगों में से 41 लोगों में पॉजिटिव पाए गए यानी 8.2 प्रतिशत में एंटीबॉडीज पाई गई। इसके अलावा राजनांदगांव के 3.75 प्रतिशत, जशपुर के 1.51 प्रतिशत, बालौदाबाजार-भाठापारा के 5.57 प्रतिशत, कोरबा के 2.79 प्रतिशत, मुंगेली के 3.64 प्रतिशत लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज पाई गई है।
जहां ज्यादा संक्रमित मिले उस ब्लॉक में जांच ही नहीं
जिले में सर्वाधिक संक्रमित मरीज मस्तूरी ब्लॉक में मिले थे लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस ब्लॉक की जांच कराई ही नहीं। इसके बदले पेड्रा ब्लॉक में टीम को भेज दिया। ऐसे में जिले में कम लोगों में ही एंटीबॉडीज मिली है। यदि मस्तूरी के केवटाडीह और डगनिया गांव के लोगों के सैंपल सीरो सर्वें के लिए भेजा जाता तो हो सकता है कि बिलासपुर जिले से ही सर्वाधिक लोगों में एंटीबॉडीज पाई जाती।