सिकंदरा थानान्तर्गत करीब पांच साल पहले हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मामले की सुनवाई करते शनिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बांदीकुई न्यायालय ने तीन आरोपितों को आजीवन कारावास एवं एक-एक लाख रुपए अर्थदण्ड दिया है।
लोक अभियोजक राजेन्द्रसिंह गुर्जर ने बताया कि 3 मार्च 2012 को इस्तगासे के माध्यम से पीडि़ता ने सिकंदरा थाने में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया था कि वह सिकन्दरा मेंं संचालित निजी स्कूल में पढ़ती है।
16 नवम्बर 2010 को स्कूल से गीजगढ़ मार्ग से होते हुए घर लौटते समय गोलिया के समीप शंभू गुुर्जर निवासी कैलाई, पप्पू उर्फ दलाल उर्फ धर्मेन्द्र निवासी पीपलकी, राजेश कुमार निवासी कालेड़ व एक नाबालिग जीप में डालकर छात्रा का अपहरण कर पहाड़ी क्षेत्र में ले गए। जहां सामूहिक दुष्कर्म कर मोबाइल में क्लिप बना ली।
बाद में पीडि़ता को उसके घर के रास्ते में छोड़ गए। आरोपितों ने पीडि़ता को घटना के बारे में किसी को बताने पर क्लिप को सार्वजनिक करने की धमकी दी।
बाद में कई बार क्लिप दिखाकर आरोपितों ने पीडि़ता से शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाब बनाया, लेकिन पीडि़ता के इनकार कर देने पर आरोपितों ने क्लिप को सार्वजनिक कर दिया। सिकन्दरा पुलिस ने अनुसंधान कर तीन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की।
मामले की सुनवाई करते हुए एडीजे अलका बंसल ने शंभू गुुर्जर, पप्पू दलाल व राजेश कुमार को अपहरण, सामूहिक बलात्कार व क्लिप को सार्वजनिक करने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 22 गवाह तथा 43 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। वहीं नाबालिग का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
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