इन देशों में जाती है मूंगफली बीकानेरी मूंगफली का गोटा सफेद और मोटा होने तथा तेल अधिक होने के कारण विदेश में इसकी मांग अच्छी है। इसी वजह से वियतनाम, चीन, इंडोनेशिया तथा पाकिस्तान में यहां की मूंगफली का निर्यात होना है। एक अनुमान के मुताबिक, अब तक डेढ़ लाख से दो लाख टन मूंगफली का निर्यात हो चुका है। इसके अलावा 50 हजार टन तेल का निर्यात भी हो चुका है।
गत सीजन भी निर्यात को लगा था झटका गत सीजन में मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी के कारण मूंगफली में काली टिक्की आ गई थी। इससे विदेशी व्यापारियों ने इसकी खरीद नहीं के बराबर की थी। इससे दो साल पहले तीन लाख टन मूंगफली का निर्यात हुआ था। लेकिन इस बार करीब डेढ़ लाख टन मूंगफली एवं गोटे का निर्यात हुआ है। गत सीजन में मूंगफली में काली टिक्की होने के कारण तेल का निर्यात भी कम हुआ था।
40 प्रतिशत उपज बीकानेर में राज्य के जिलों में इस सीजन में जितनी मूंगफली की पैदावार होती है। उसमें से 40 प्रतिशत मूंगफली का उत्पादन अकेले बीकानेर जिले में होता है। एक अनुमान के मुताबिक, जिले में इस बार डेढ़ से दो कराेड़ बोरी का उत्पादन हुआ है। बीकानेर के अलावा चूरू, नागौर, सीकर, जयपुर, निवाई तथा जैसलमेर के कुछ भाग में मूंगफली की पैदावार होती है, लेकिन बीकानेर की मूंगफली की अपनी पहचान है।
अन्य देशों में भी अच्छी पैदावार इस बार विदेश के कई देशों में मूंगफली की बंपर पैदावार हुई है। इस वजह से इस सीजन में निर्यात कम हो सकता है। जबकि बीकानेर में कई सालों बाद बंपर एवं तेल की अधिक मात्रा वाली मूंगफली की पैदावार हुई है। इसका मुख्य कारण समय पर बरसात का होना और बिजली कटौती भी कम होना रहा है। – राजेश जिंदल, मूंगफली एवं गोटा व्यापारी