सेना ने बुधवार (25 सितंबर) को शव जम्मू-कश्मीर से बीकानेर भेजा। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल यश राठौड़ (सेवानिवृत) ने जिला कलक्टर को भेजे पत्र में बताया कि सैनिक रामस्वरूप निवासी पांचू की मृत्यु फिजिकल कैजुअल्टी का केस है। बैटल कैजुअल्टी (शहीद) का केस नहीं है। इस संबंध में सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी जारी है।
रामस्वरूप के भाई ने
पत्रिका को बताया कि रामस्वरूप की मौत के समय वह ड्यूटी पर जम्मू-कश्मीर में था। परिवार की सरकार से मांग है कि रामस्वरूप को शहीद का दर्जा और केन्द्र सरकार की ओर से शहीद के अनुरूप सभी लाभ दिए जाएं। शहीद के नाम पर सड़क का नामाकरण करने, पांचू पंचायत समिति में शहीद स्मारक बनाने समेत कई मांग रखी हैं।
ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे किया जाम
ग्रामीणों ने म्यूजियम सर्किल के पास नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। जिससे बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। यातायात पुलिस ने जिला परिषद के पास से वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया। अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर, एसडीएम, अतिरिक्त पुलिस अधिकारी ग्रामीणों से वार्ता करने मौके पर पहुंचे। शहीद का दर्जा देने की मांग पर कोई आश्वासन नहीं दे सका।
मई 2023 में हुई थी शादी
पांचू पुलिस थाना के अनुसार 25 वर्षीय रामस्वरूप कस्वां करीब चार साल पहले भारतीय सेना के 65 आर्म्ड रेजिमेंट में सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे। सवा साल पहले हुई शादी रामस्वरूप की शादी 15 मई 2023 को हुई थी। पिता मोटाराम कस्वां खेती करते हैं। उनके पांच पुत्रों में रामस्वरूप चौथे नम्बर पर थे। रामस्वरूप का बड़ा भाई श्रीराम कस्वां भी भारतीय सेना में है। गत जुलाई में ही रामस्वरूप छुट्टी बिताकर घर से जम्मू कश्मीर में ड्यूटी करने गए थे।