script‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना बेहद जरूरी: राज्यपाल | It is very important to enrich the spirit of 'Country First': Governor | Patrika News
बीकानेर

‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना बेहद जरूरी: राज्यपाल

राष्ट्रीय महिला आयोग और नगर निगम की ओर से 75 वां संविधान दिवस रवीन्द्र रंगमंच सभागार में मनाया गया। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली 15 महिलाओं पर यह आयोजन के​न्दि्रत रहा। इस अवसर पर फोटो प्रदर्शनी भी प्रद​र्शित की गई। मैं संविधान हूं नाटिका का भी मंचन हुआ।

बीकानेरNov 27, 2024 / 08:52 pm

Vimal

बीकानेर. 75 वें संविधान दिवस पर मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग और नगर निगम की ओर से रवीन्द्र रंगमंच सभागार में संविधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर ‘हम भारत की महिलाएं’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि अनगिनत देशवासियों के सर्वस्व बलिदान के फलस्वरूप देश को आजादी मिली। इसे सदैव सुरक्षित रखने के लिए ‘देश प्रथम’ की भावना को समृद्ध करना होगा। उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों तक विदेशी आक्रांताओं ने भारत की संस्कृति को मिटाने के प्रयास किए, लेकिन इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, क्योकि हमें हमारी संस्कृति पर विश्वास था। राज्यपाल ने कहा कि देश के विकास में शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसलिए देश की शिक्षा नीति का मजबूत रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान हमें एक सूत्र में बांधता है। उस संविधान समिति में 15 महिलाएं थीं। संविधान ने भाषा, क्षेत्र और संस्कृति के नाम पर भेदभाव को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने सभी को ’पहले और अंतिम भारतीय तथा भारत से परे कुछ नहीं का रुख’ अपनाने की पैरवी की।
संविधान व लोकतंत्र की मजबूती पर गर्व

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि राजस्थान शौर्य और साहस की भूमि है। उन्होंने गार्गी मैत्रेई से लेकर रानी लक्ष्मी बाई, सावित्री बाई फूले और संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं को याद किया। उन्होंने कहा कि हमें लोकतंत्र व संविधान की मजबूती पर गर्व होना चाहिए, जिसमें महिलाओं ने नेतृत्व, नीति निर्माण सामाजिक सुधार में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में महिलाओं की संघर्ष गाथा हमें सिखाती है कि बाधाओं के बावजूद बदलाव संभव है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बना दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान आज पूरी दुनिया के समक्ष एक मिसाल है। आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने संविधान की उद्देशिका और नीति निर्देशक तत्वों का वाचन किया। कार्यक्रम में विधायक सिद्धि कुमारी, विधायक जेठानंद व्यास और विधायक ताराचंद सारस्वत बतौर अतिथि मौजूद रहे। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार, ममता कुमारी, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, आईजीपी ओमप्रकाश, कलक्टर नम्रता वृष्णि, एसपी कावेन्द्र सिंह सागर, निगम आयुक्त मयंक मनीष, निवर्तमान महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित सहित अधिवक्ता, विधि छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।
रंगमंच पर साकार संविधान सभा

संविधान दिवस पर रवीन्द्र रंगमंच सभागार में नाटिका के माध्यम से संविधान निर्माण में योगदान देने वाली महिलाओं पर आधारित नाटिका का मंचन किया गया। महिला पात्रों ने संविधान सभा में रखे गए प्रस्तावों को कलाकारों के माध्यम से जीवंत किया।
फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन

इससे पूर्व राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने रवींद्र रंगमंच परिसर में संविधान निर्माण में योगदान देने वाली 15 महिलाओं पर आधारित तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से संविधान दिवस के अवसर पर लगाई गई फोटो की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने बीकानेरी नमकीन, मरुशक्ति सहित अन्य स्थानीय उत्पादों की स्टॉल्स का अवलोकन किया।

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