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बीकानेर

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव: पद्मश्री हंसराज हंस ने हिन्दी-पंजाब गीतों से सुरों से रंगत जमाई

जग में संगीत ना होता तो, कोई किसी का मीत ना होता…

बीकानेरMar 01, 2023 / 11:32 am

Atul Acharya

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव: पद्मश्री हंसराज हंस ने हिन्दी-पंजाब गीतों से सुरों से रंगत जमाई

राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव: पद्मश्री हंसराज हंस ने हिन्दी-पंजाब गीतों से सुरों से रंगत जमाई

बीकानेर. डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के मंच पर मंगलवार रात सूफी गायक हंसराज हंस ने सुरों की रंगत जमाई। उन्होंने महफिल का आगाज राग मलकोस की बंदिश प्यार नहीं है सुर से जिसको… से किया। फिर जग में संगीत ना होता तो, कोई किसी का मीत ना होता, गाया तो हर संगीत प्रेमी झूम उठा। डूब गए हंस के आलापों में, सुरों में, गानों की धमक में और दिल छूने वाली दिलकश पेशकश में। हंस ने राजस्थान के गजल गायक जगजीत सिंह को उनकी गजल ‘गरज बरस प्यासी धरती को फिर पानी दे मौला’ गाकर स्वरांजली दी। इसके बाद इश्क दी गली विच्चों कोई कोई लगदां.., सिली-सिल आंदी है हवां…, दिल टोटे-टोटे हो गया…, एक से एक उम्दा पेशकश का दौर चला।


इससे पहले हाकम खां एंड पार्टी ने मां करणी पर लोकगीत म्हारी करणी मईया अर्ज सुनो…के साथ प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन, संस्कृति मंत्रालय संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सरभाई, वेस्ट जोन कल्चरल केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता, बीएसएफ के महानिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम, भाजपा संगठन महामंत्री चंद्रशेखर समेत बड़ी संख्या में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और शहरवासी मौजूद रहे।

कथक में चतुरंग और 33 चक्कर की बंदिश ने रिझाया

महोत्सव में लखनऊ की कथक नृत्यांगना आकांक्षा श्रीवास्तव के निर्देशन में दस नर्तक-नृत्यांगनाओं ने कथक के विभिन्न रूपों का उम्दा मुजाहिरा किया। चतुरंग में सावन में अपने प्रियतम की प्रतीक्षा करती नायिका की अभिव्यक्ति ने दर्शकों को आह्लादित कर दिया। इसमें मोर की गत, पद संचालन और अंग विन्यास नेे नृत्य प्रेमियों का दिल जीत लिया। कथक की प्रस्तुति में ताल, अष्टमंगल 11 मात्रा की पेशकश में टुकड़े, परन, तिहानिया और 33 चक्कर की बंदिश का जादू दर्शकों को खूब पसंद आया। इसमें कथक के शुद्ध पक्ष के साथ कभी भगवान शिव, तो कभी भगवान कृष्ण को मंच पर साकार कर दिया। प्रस्तुति में आकांक्षा के साथ सिमरन कश्यप, शैली मौर्या, प्रीति तिवारी, गौरी शर्मा, सीमा सोनी, सपना सिंह, श्रद्धा श्रीवास्तव, आदित्य गुप्ता और विकास अवस्थी शामिल रहे।


आज मालिनी अवस्थी का लोक गायन
आज पद्मश्री मालिनी अवस्थी और पद्मश्री गीता चन्द्रन अपनी प्रस्तुति देंगी। साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार सौरभ संस्कृति से मंच को रोशन करेंगे।

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