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बीकानेर

न्यास में करोड़ों बकाया, निगम ने फिर किया तकादा

नगर निगम अपनी आ​र्थिक ​िस्थति को सुदृढ बनाने में जुटा हुआ है। नगर विकास न्यास में निगम के करोड़ो रुपए विकास शुल्क के रूप में बकाया चल रहे है। निगम कई बार पत्र लिखकर रुपए देने का तकादा कर चुका है। एक बार फिर निगम ने न्यास को पत्र लिखकर विकास शुल्क की बकाया रा​शि ही नहीं सीवरेज कार्यों की बकाया रा​शि भी देने के लिए कहा है।

बीकानेरNov 17, 2024 / 09:55 pm

Vimal

बीकानेर. नगर निगम अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने के प्रयासों में जुटा हुआ है। इसी क्रम में अब निगम ने विकास शुल्क के रूप में बकाया चल रही करोड़ो रुपए की राशि को प्राप्त करने के लिए नगर विकास न्यास को तकादा किया है। हालांकि इससे पूर्व भी निगम बकाया राशि के लिए न्यास को तकादे के रूप में कई पत्र लिख चुका है। हाल ही में निगम ने बकाया राशि प्राप्ति के लिए न्यास को फिर पत्र लिखा है। न्यास की ओर से निगम को अपने प्रत्येक भूखण्ड बेचने पर भूखण्ड की राशि का 15 प्रतिशत विकास शुल्क के रूप में देने का प्रावधान है।
वर्षों से बकाया शुल्क

निगम के वित्तीय सलाहकार धीरज जोशी के अनुसार वर्ष 2009 -10 तक विकास शुल्क का हिसाब-किताब हो चुका है। वर्ष 2017 तक लगभग 5 करोड़ रुपए विकास शुल्क के रूप में बकाया था। वर्ष 2017 के बाद न्यास की ओर विक्रय किए गए भूखण्डों की सूचना निगम को उपलब्ध करवाने पर अब तक कुल बकाया विकास शुल्क की गणना हो सकेगी।
बार-बार पत्र

निगम बीते वर्षों में न्यास को विकास शुल्क राशि देने के लिए कई बार पत्र भी लिख चुका है। हर बार टालमटोल की स्थिति रही है। निगम को बकाया विकास शुल्क राशि प्राप्त नहीं हो रही है, जबकि न्यास साल दर साल भूखण्डों को बेचकर राजस्व अर्जित करता रहा है।
सीवरेज कार्यों की राशि भी बकाया

अमृत 2.0 सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत निगम और न्यास दोनों के क्षेत्रों में कार्य चल रहे है। इस प्रोजेक्ट के तहत निगम सीवरेज कार्यों के लिए 23.41 करोड़ रुपए की राशि भी न्यास में मांग रहा है। बताया जा रहा है इस राशि के लिए निगम जून में न्यास को पत्र लिखकर राशि जमा करवाने के लिए कह चुका है। यह राशि भी निगम को अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
यह है विकास शुल्क

नगर विकास न्यास योजना क्षेत्रों को विकसित करता है। योजना क्षेत्र के पूर्ण विकसित होने के बाद उस आवासीय क्षेत्र को नगर निगम को हैण्ड ओवर करने का प्रावधान है। हैण्ड ओवर होने के बाद निगम उस आवासीय क्षेत्र के विकास का जिम्मा संभालता है। हैण्ड ओवर हुए क्षेत्रों में विकास कार्य करवाने के लिए ही प्रत्येक भूखण्ड की विक्रय राशि का 15 प्रतिशत शुल्क विकास शुल्क के रूप में निगम को देने का प्रावधान है।

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