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बीकानेर

Human Angle Story: एक ऐसा कैशियर, जो मन से भी धनवान, दिव्यांगों का संवार रहा जीवन

बैंक में नौकरी के बाद बचे समय में खेल मैदान में खिलाड़ियों को अभ्यास करवा रहे है। ऐसे दिव्यांग वह जिलेभर से अपने पास कोलायत बुलाकर खेल के लिए तैयार कर रहे है। यहां तक की उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी जन सहयोग से करवाते है।

बीकानेरJan 02, 2024 / 03:04 am

Brijesh Singh

Human Angle Story: एक ऐसा कैशियर, जो मन से भी धनवान, दिव्यांगों का संवार रहा जीवन

Human Angle Story: एक ऐसा कैशियर, जो मन से भी धनवान, दिव्यांगों का संवार रहा जीवन

मन में कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता है। ऐसा ही जज्बा दिखा रहे है श्रीकोलायत में बैंक कैशियर की नौकरी करने वाले रामावतार सैन। दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्द्धा के अनुरूप तैयार कर आगे बढ़ाने के लिए कोच की तरह रामावतार दिन-रात मेहनत करते है। बैंक में नौकरी के बाद बचे समय में खेल मैदान में खिलाड़ियों को अभ्यास करवा रहे है। ऐसे दिव्यांग वह जिलेभर से अपने पास कोलायत बुलाकर खेल के लिए तैयार कर रहे है। यहां तक की उनके रहने और खाने की व्यवस्था भी जन सहयोग से करवाते है।

कोच रामावतार से प्रशिक्षित करीब 2 हजार खिलाड़ी अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखा चुके है। इनमें कई तो मैडल भी जीत कर आए है। रामअवतार खुद भी एथलेटिक्स व अन्य खेलों में राष्ट्रीय स्तर की स्पर्द्धाओं में भाग ले चुके है। उन्होंने शिक्षण के दौरान वर्ष 1996 से 2003 तक सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में 1 बार क्रिकेट, 5 बार 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़ और लंबी कूद में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया था। वहीं राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रहे। बाद में बैंक में नौकरी लग गई तो खाजूवाला व कोलायत में नि:शुल्क स्पोर्ट्स एकेडमी के माध्यम से खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं।

खाजूवाला से की शुरुआत

रामावतार ने बताया कि वर्ष 2012 में खाजूवाला में बैंक में पोस्टिंग के दौरान स्पोर्ट्स एकेडमी की शुरुआत की। इसके बाद वर्ष 2015 में तबादला कोलायत होने पर यहां 2016 कपिल मुनि निशुल्क एकेडमी शुरू कर दी। शुरुआत एक दिव्यांग और एक सामान्य खिलाड़ी के साथ की। आज जिलेभर के गांवों के कई युवा और दिव्यांग उनके पास खेल का निशुल्क प्रशिक्षण ले रहे है।

पूरा परिवार देता है साथ

दोनों ही आवासीय एकेडमी को चलाने में पूरा परिवार साथ देता है। इसमें दोनों बेटे अतुल सैन व राहुल सैन तथा पत्नी सीमा देवी व्यवस्था संभाल रही है। खिलाड़ियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था में आम लोग सहयोग करते है।

30 से ज्यादा की लग चुकी सरकारी नौकरी

रामावतार ने बताया की एकेडमी में अभ्यास करने वाले 30 से अधिक खिलाडि़यों की सरकारी नौकरी लग चुकी है। इनमें निशा, शिशपाल लिंबा, रवि नायक, राधेश्याम कुमावत, पंकज सेवग, प्रवीण साइन, लालाराम थालोड़, गिरिराज सिंह आदि शामिल है। जो खेल कोटे में सरकारी नौकरी लगे है।

यह खिलाड़ी जीत चुके है मैडल

कोलायत के रामप्रकाश पारीक ने फिलिपींस मास्टर एशियन गेम्स मे 5 किमी पैदल चाल में स्वर्ण, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में दिव्यांग किशन बिश्नोई ने स्वर्ण व दो रजत, दिव्यांग राजकला बिश्नोई ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में तीन रजत, दिव्यांग सुनील सैन राज्य स्तर पर 3 स्वर्ण, 4 रजत और 4 कांस्य, राजपाल सिंह राठौड़ ने राज्य स्तरीय बॉक्सिंग में कांस्य, ताइक्वांडो में प्रवीण सैन स्वर्ण, लंबी कूद में लीला कुमारी जाट स्वर्ण, राज्य स्तर पर इंटर कॉलेज जिम्नास्टिक में लक्षिता माली स्वर्ण, नेत्रहीन उर्मिला बिश्नोई राज्य स्तर पर लंबी कूद में 2 स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।

इन खेलों का प्रशिक्षण

एथेलेटिक्स, खो-खो, कबड्डी, क्रिकेट, निशानेबाजी, तैराकी, सॉफ्टबॉल, नेटबॉल।

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