ऐसे काम कर रही है यह रणनीति
डीआईजी लूथरा ने बताया कि ड्रोन को रोकने के लिए एरिया डोमिनेट करके रखते हैं। ड्रोन की तीन-चार किलोमीटर दूरी तक गिराने की क्षमता के अनुसार रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है। पाकिस्तान में बैठे तस्करों को ड्रोन सीमा पार कराने के लिए जगह चाहिए। इधर, भारतीय तस्करों को भी बॉर्डर के नजदीक पहुंचने के लिए रूट चाहिए। जहां से मादक पदार्थ को उठा सकें। बॉर्डर पर इस तरह के ड्रोन ड्रॉपिंग जोन (डीडीजेड) चिह्नित कर रखे हैं, जहां ड्रोन से मादक पदार्थ गिराएं जाने की आशंका है। यही वजह है कि ज्यादातर सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से आने वाली खेप को पकड़ने में सफलता मिल रही है। कई बार पाकिस्तानी ड्रोन को भी मार गिराया है। पुलिस के साथ समन्वय रखकर बॉर्डर एरिया में निगरानी रखकर भी तस्करों को दबोचा गया है। पुलिस भी बॉर्डर एरिया में चौकी बनाकर बीएसएफ की मदद कर रही है।
तकनीक ताकत साथ
पत्रिका के सवाल के जवाब में डीआईजी लूथरा ने बताया कि इंसानी ताकत के साथ तकनीक अतिरिक्त ताकत प्रदान कर रही है। बॉर्डर पर सुरक्षा और निगरानी के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। जवानों को इसका प्रशिक्षण देकर चुनौतियों की बदल रही प्रकृति के अनुरूप तैयार कर रहे हैं। जैसे-जैसे दुनिया का सिनेरियो बदल रहा है, उसी के हिसाब से बीएसएफ भी अपने कामकाज में बदलाव कर रहा है।
60 हजार से ज्यादा पौधरोपण
डीआईजी ने बताया कि बीकानेर सेक्टर एरिया में बीएसएफ ने बीते एक साल में 60 हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। इसमें खासकर स्थानीय पौधों को ज्यादा लगाया है। सामाजिक गतिविधियां भी सीमावर्ती क्षेत्र के गामीणों के साथ लगातार चलाई जा रही हैं।
ई हाउसिंग पोर्टल से आवेदन
डीआईजी लूथरा ने बताया कि बीएसएफ के जवानों को परिवार रखने के लिए आवास की व्यवस्था देने की दिशा में सरकार काम कर रही है। अभी उपलब्ध आवास अलॉट किए जाते हैं। सरकार ने इसके लिए ई हाउसिंग पोर्टल बना दिया है। जिसमें देश में कहीं भी बीएसएफ में तैनात जवान अपना परिवार जहां रखता है, वहां आवास के लिए आवेदन कर सकता है।
बढ़ रहा महिला जाब्ता
डीआईजी ने बताया कि महिलाओं की संख्या बीएसएफ में लगातार भर्तियों से बढ़ रही है। अब कुछ चौकियों की पूरी जिम्मेदारी भी महिला अधिकारी और जवान संभाल रही हैं। उन्हें ऑपरेशनल जिम्मेदारियां भी सौंपी जा रही हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में बॉर्डर तक सड़क सुविधा के लिए गृह मंत्रालय ने योजना स्वीकृत की है। पर्यटकों के लिए विकसित सांचू चौकी तक 40 किलोमीटर की सड़क बनाने के लिए पत्राचार किया गया है।
बीएसएफ की अनुमति बिना खनन नहीं
डीआईजी ने सवाल के जवाब में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर सीमा से दो किलोमीटर तक भारतीय सीमा में कोई भी खनन नहीं हो रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र में बीएसएफ की अनुमति के बिना कोई भी खनन नहीं किया जा सकता। इसकी सख्ती से पालना कराई जा रही है।