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बीकानेर

जर्जर भवन की सात दिवस में नहीं ली सुध तो होगी कार्यवाही

bikaner nagar nigam- शहर में जगह-जगह है जर्जर स्थिति में भवन, हो सकता है हादसा
 

बीकानेरJul 02, 2020 / 11:57 pm

Vimal

जर्जर भवन की सात दिवस में नहीं ली सुध तो होगी कार्यवाही

जर्जर भवन की सात दिवस में नहीं ली सुध तो होगी कार्यवाही

बीकानेर. बारिश के दौरान जीर्ण शीर्ण व जर्जर भवन हादसे का कारण बन सकते है। शहर के विभिन्न वार्ड क्षेत्रों में ऐसे दर्जनो भवन है जो बारिश के दौरान कभी भी गिर सकते है। नगर निगम ने ऐसे भवनों से जान-माल की सुरक्षा को लेकर कार्यवाही शुरू करने की तैयारी कर ली है। नगर निगम ने भवन मालिकों से जीर्ण शीर्ण व जर्जर भवनों को खाली करने, जर्जर हिस्से को गिरवाने अथवा मरम्मत करवाने के आदेश जारी किए है।

 

निगम आयुक्त डॉ. खुशाल यादव ने आदेश जारी कर कहा है कि जो भवन जीर्ण शीर्ण हालत में है, जो कभी भी गिर सकते है। उन भवन मालिक, अधिभोगी किरायेदार जर्जर भवन को खाली कर देवें तथा क्षतिग्रस्त, जर्जर भाग को सात दिवस में गिरवा दे अथवा जर्जर हिस्से को सात दिवस में मरम्मत करवाकर सुरक्षित स्थिति में कर लेवे। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं करते है तो राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

 

दर्जनों भवन असुरक्षित
शहर में दशकों पहले बने दर्जनों भवन वर्षो से बंद रहने अथवा देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण और जर्जर स्थिति में पहुंच चुके है। कई भवनों के कुछ हिस्से गिर भी चुके है, शेष हिस्से भी कभी भी बारिश के दौरान गिर सकते है। नगर निगम ने मानसून से पहले ऐसे भवनों का पता लगाने के लिए जमादारों, स्वच्छता निरीक्षकों और कनिष्ठ अभियंताओं के माध्यम से सूची बनाकर सर्वे किया। सर्वे में जो भवन अत्यन्त असुरक्षित पाए गए है, उनके मालिकों, अधिभोगी अथवा किरायेदारों को नोटिस जारी किए जा रहे है।

 

 

भवन मालिक बाहर, कई अनुपयोगी
शहर में कई ऐसे भवन जीर्ण शीर्ण और जर्जर स्थिति में है, जिनके भवन मालिक बीकानेर से बाहर निवास करना बताए जा रहे है। क्षेत्रवासियों के अनुसार वर्षो से भवन मालिक न तो बीकानेर आ रहे है और ना ही ऐसे भवनों की सार संभाल कर रहे है। बारिश के दौरान ऐसे भवनों में पानी एकत्र होने से आस पडौस के मकानों को भी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं कई भवनों के मालिक बीकानेर में ही रह रहे है, लेकिन ये भवन अनुपयोगी होने के कारण बंद पड़े है। जबकि कई भवन ऐसे भी है जो जर्जर स्थिति में होने के बाद भी लोग उनमें रह रहे है।

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