दरअसल, मामला धामपुर थाने का है। जहां पुलिस ने कुछ दिनों पहले एक मुस्लिम युवक को नाबालिग युवती के अपहरण करने और लव जिहाद व धर्म परिवर्तन समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेजा था। अब इस मामले में पीड़ित किशोरी और उसके पिता ने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए युवक पर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी का कहना है कि वह अपने एक मुस्लिम दोस्त के साथ बर्थडे पार्टी से लौट रही थी। इस दौरान कुछ युवकों को इससे पता नहीं क्या दिक्कत थी, वह पहले हमारी वीडियो बनाने लगे और फिर बाद में इसे लव जिहाद का नाम दे दिया। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। न ही धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात है।
इन गंभीर धारों में केस हुआ दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक 14 दिसंबर की रात करीब साढे दस बजे एक दलित युवती अपने मुस्लिम दोस्त के साथ बर्ड डे पार्टी से लौट रही थी। आरोप है कि इस दौरान कुछ युवकों ने उनका पीछा किया और उन्हें घेर लिया। फिर युवक को लाठी-डंडों से पीटा। जब युवकों को पता चला कि दोनों अलग-अलग धर्म के हैं तो इन्हें थाने ले जाया गया। बताया गया कि युवती के पिता ने पुलिस को तहरीर दी। जिसमें उनकी बेटी से जबरदस्ती शादी और धर्म परिवर्तन समेत कई गंभी आरोप लगाए गए। जिस पर पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 363 /366 व 18 पॉक्सो एक्ट व 3 (2) व एससी/एसटी एक्ट धारा 3/5 (1) उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के तहत थाना धामपुर में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया। एसएचओ धामपुर अरुण कुमार का कहना है कि किशोरी के पिता की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। अगर आरोपी नाबालिग है तो परिजन दस्तावेज दिखाएं।
पीड़िता के पिता ने तहरीर के किया इनकार रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस तरह की कोई तहरीर नहीं दी। उन्होंने मीडिया संस्थान से कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर पूरा भरोसा है और उसे राजनीति का हिस्सा बनाया जा रहा है। मेरी बेटी की वीडियो बनाई गई और उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। क्या किसी युवक के साथ पैदल चलना गुनाह है? उन्होंने वर्तमान प्रधान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पूर्व प्रधान रह चुका हूं और इस बार दोबारा प्रधानी के चुनाव की तैयारी कर रहा हूं। इसके चलते मेरी बेटी की छवि धूमिल कर मुझे भी बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वहीं इन सभी आरोपों से इनकार करते हुए वर्तमान प्रधान ने कहा कि किशोरी के पिता के कहने पर ही मैंने उनकी एफआईआर कराने में मदद की थी।
यह भी देखें: रात के अंधेरे में रास्ता भटकी महिला और 3 वर्षीय बच्ची के लिए पुलिस बनी मसीहा युवक की मां बोली- बेटा बेकसूर है उधर, जेल भेजे गए युवक के परिजन युवती के घर से कुछ किलोमीटर दूर एक कमरे के मकान में रहता है। युवक के परिवार में चार भाई और एक मां है। भाईयों में वह सबसे छोटा है। परिजनों का कहना है कि वह 17 वर्ष का है, लेकिन साबित करने को उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हैं, क्योंकि तीसरी कक्षा के बाद वह स्कूल नहीं गया। पिता की पिछले वर्ष हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। युवक की मां का कहना है कि उन्हें फिर से अपने बेटे को देखना है। उनका बेटा देहरादून में वेल्डिंग का काम कर पांच हजार महीना कमाता है। मुझे टाइफाइड होने पर ही मैंने उसे यहां बुलाया था। 9 दिसंबर को वह देहरदून से आया था। 14 दिसंबर को वह घर पर कहकर गया था कि वह अपने किसी दोस्त के घर बर्ड डे पार्टी में जा रहा है और खाना नहीं खाएगा। उस पर जो धर्म परिवर्तन आदि के आरोप लगे हैं वह सभी गलत हैं।