इस सीट पर कुल 3 लाख वोटर दरअसल, इस सीट पर कुल 3 लाख मतदाता हैं और यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। जिनकी संख्या लगभग 1 लाख 20 हज़ार है। इसी सीट पर दूसरे नंबर पर क्षत्रिय वोटर हैं और इनकी संख्या लगभग 85 हज़ार है। तीसरे नंबर पर इस सीट पर दलित वोटर हैं। इनकी संख्या लगभग 40 हज़ार है। इसके अलावा यहां लगभग 60 हजार मतदाता में जाट, वैश्य, कुम्हार और पंडित हैं।
10 प्रत्याशियों ने किया नामांकन नुरपुर उपचुनाव के लिए कुल 10 प्रत्यशियों ने अपना नामांकन कराया है। इस सीट पर 8 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। जबकि बीजेपी ने इस सीट पर मृतक विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी अवनि सिंह पर भरोसा करते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है। आरएलडी और सपा गठबंधन से सपा प्रत्याशी नईमूल हसन को टिकट मिला है। इस प्रत्यशी को कांग्रेस और बसपा का भी सपोर्ट भी मिलने की चर्चा हैं। इसके पीछे की वजह यह मानी जा रही है कि यहां से कांग्रेस और बसपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतरा है।
गठबंधन प्रत्याशी को मिल सकता है समर्थन बहरहाल, अभी तो इन दोनो पार्टी के हाई कमान किसी भी नेता ने गठबंधन प्रत्यशी को लड़ाने के लिये अपने कार्यकर्ताओं को कोई आदेश नहीं दिया है। लेकिन गठबंधन के प्रत्याशी को उम्मीद है कि जैसे गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में बसपा और अन्य पार्टियों ने सपा का समर्थन किया था उसी तरह इस सीट पर उन्हें भी दोनों पार्टियों का समर्थन हासिल होगा। इस समर्थन को लेकर चुनावी गलियारों से पता चला है कि सपा पार्टी के प्रत्याशी ने इस समर्थन को लेकर पार्टी के अध्यक्ष अखलेश यादव से बात भी की थी। उन्होंने आश्वाशन दिया है जल्द ही उनके प्रत्यशी के सपोर्ट में अन्य पार्टी औपचारिक घोषणा करेंगी।
भाजपा से किसान नाराज उपचुनाव को लेकर मतदाता की बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा किसान मतदाता हैं। जो खेती के आधार पर अपना और अपने परिवार का लालन पोषण करते चले आ रहे हैं। इस उपचुनाव में किसान रामकुमार ,जलील और अन्य मतदाता किसान की मानें तो भाजपा सरकार के वादे से खुश होकर 2017 के विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव में किसानों ने बीजेपी को वोट दिया था। इन चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल होने के बाद बीजेपी की सरकारों ने किसानों से किये वादे को लेकर धोखा दिया है। किसानो की कर्ज माफी से लेकर गन्ने के वाजिब दाम न मिलने और गुड़ के दाम में उछाल न होने की वजह से किसान कर्ज के बोझ तले दब गया है।
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मुलायम सिंह सरकार को बताया बेहतर इस सरकार में किसानों के बिजली के बिल दुगने और चौगुने कर दिए गए हैं। साथ ही बिजली को लेकर किसानों पर मुकदमा तक दर्ज कराया गया है। वहीं इन किसानों का कहना है कि इस सरकार से अच्छी तो मुलायम सिंह की सपा सरकार थी। किसान बीजेपी से परेशान है और अबकी बार इस चुनाव में हम गठबंधन के प्रत्याशियों को वोट देने की बात कह रहे हैं।
भाजपा सूट-बूट की सरकार इस विधान सभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के जिला महांमत्री मुनीश त्यागी का कहना है इनकी सरकार सूट-बूट की सरकार है। इस सरकार ने केवल जनता से धोखे भरे वादे किए। जिसको जनता अच्छी तरह से जान चुकी है और अबकी बार मतदाता इन्हें वोट न देकर इनको सबक सिखाने का काम करेगी।
भाजपा झूठे वादे कर मांग रही वोट सपा नगर पालिका चेयरमैन पति और सपा नेता शमसाद अंसारी ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने इस चुनाव में सभी कार्यकर्ताओं और विधायक सहित सभी पार्टी सदस्य को चुनाव लड़ाने के लिये कहा है। हम सभी पार्टी के पदाधिकारी अपने पार्टी के प्रत्यशी को चुनाव लड़ाने और जीत दिलाने के लिये युद्ध स्तर पर लगे हैं और बीजेपी के झूठे और काम के वादा को लेकर मतदाता के बीच वोट के लिये जा रहे हैं।