भोपाल। छरहरी काया वाली दुल्हन अब कम ही नजर आती हैं। बदलती जीवन शैली और खान-पान के कारण अब युवतियों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। इससे निपटने के लिए वे चिकित्सकों का सहारा ले रही हैं। जानें आखिर किस तरह वे कम कर रही हैं अपना वजन…
सर्वे में हुआ ये खुलासा
एक सर्वे में सामने आया कि स्कूल के समय में ही लड़कियां मोटापे का शिकार हो जाती हैं। लेकिन मोटापा कम करने की चिंता उन्हें तब सताती है जब उनकी शादी में दिक्कतें आने लगती हैं। शादी में कोई दिक्कत न आए इसलिए युवतियां अब पेट की चर्बी कम करने के लिए डॉक्टरों की मदद ले रही हैं।
शादी के करीब छह महीने पहले वे गैस्ट्रिक बैलून तकनीक से अपनी खुराक कम करती हैं। शादी होने के बाद वैलून निकलवा देती हैं।
जानें ये भी
स्कूलों में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आया है कि 10वीं से 12वीं के बीच के छात्रों में 33 फीसदी मोटापे के शिकार हैं। इनमें 80 फीसदी आगे चलकर मोटापे की बीमारी का शिकार होंगे। झाग वाली सभी चीजों से मोटापा होता है, क्योंकि इनसे बहुत ज्यादा कैलोरी मिलती है। जितनी भी सस्ती चीजें होती हैं, उनसे ज्यादा कैलोरी मिलती है। इन ज्यादा कैलोरी वाली चीजों से डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है।
मोटापे से पीडि़त 60 फीसदी होते हैं डायबिटिक
एक्सपर्ट बताते हैं कि मोटे मरीजों में 60 फीसदी को डायबिटीज का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। दूसरे देशों की तुलना में भारतीयों में यह खतरा ज्यादा रहता है। इसका बड़ा कारण है कि यहां के लोगों के जीन में कैलोरी को जमा करने की आदत है। पेट में फैट जमा हो जाती है, जो आगे चलकर डायबिटीज, हाई बीपी व हार्ट डिसीज का कारण बनती है। करीब 40 फीसदी लोग फैटी लिवर के शिकार हैं।
मोटापा कहीं बीमारी तो नहीं, ऐसे जानें
-वजन (केजी में) को ऊंचाई (वर्ग मीटर) से भाग देने पर 35 से ज्यादा अंक मिलें तो आपका मोटापा एक बीमारी का रूप ले चुका होता है।
Hindi News / Bhopal / छरहरी काया के लिए युवतियों को लगता है ये आसान तरीका