वायरल होने वाले नाम कटेगें- सूत्र
सूत्रों की मानी जाए तो तय हो चुके जिला अध्यक्षों में से कुछ के नाम सोशल मीडिया और आम चर्चा के दौरान सार्वजनिक हो गए हैं। इनमें से कुछ के नाम पर जिलों में विरोध होना शुरू हो गया है जो प्रदेश संगठन से लेकर केन्द्रीय संगठन तक के पास पहुंच गया है। पार्टी किसी भी सूरत में जिला अध्यक्षों की घोषणा के याद किसी भी तरह का पार्टी के अंदर विरोध नहीं चाहती है। इसलिए अब इन नामों पर फिर से विचार हो रहा है। इसके चलते अब तक जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। विरोध की स्थिति से बचने की कोशिश
यह भी अब तक तय नहीं हो सका है कि सभी जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान भोपाल से किया जाए या जिला पर्यवेक्षकों के जरिए जिलों में जाकर करवाया जाए। पार्टी को यह भी आशंका है कि जिलों में यदि पर्ववेक्षकों ने नाम का ऐलान किया तो यहीं पर विरोध न हो जाए। इसलिए कुछ ऐसा प्लान बनाया जा रहा है ताकि घोषणा के बाद विरोध की स्थिति न बने।
जिला चुनाव प्रभारी ही करेंगे जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा
जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा को लेकर भी पार्टी नया तरीका ढूंढ रही है। जिन नेताओं को जिलाध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष का जिम्मा सौंपा था उन्हीं के माध्यम से जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा भी करवाई जा सकती है। जैसे-जैसे नाम तय होंगे, जिलों के चुनाव प्रभारी इसकी घोषणा प्रदेश भाजपा संगठन की अनुमति के बाद उसी तरह से करेंगे जैसे उन्होंने मंडल अध्यक्षों की घोषणा की थी। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि कई जिलों में सहमति नहीं बन रही है उस दिशा में जहां पर नाम फाइनल हो गया है वहां घोषणा कर दी जाए।