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भोपाल

Year Ender 2020: कोरोना ने दी नई दिशा, लोगों ने ऑनलाइन दर्शन कर दिखाई आस्था

महाकाल, ओंकारेश्वर, शिर्डी और वैष्णोदेवी के किए लोगों ने ऑनलाइन दर्शन

भोपालDec 27, 2020 / 06:16 pm

Hitendra Sharma

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भोपाल. कोरोना वायरस का असर न सिर्फ इंसानी सेहत पर पड़ा, बल्कि इसका असर इंसानी व्यवस्थाओं, यहां तक की धार्मिक आस्था पर भी भारी पड़ गया। लॉकडाउन दौरान जहां देशभर के सभी धार्मिक स्थल बंद कर दिये गए थे, और किसी भी धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध था। कोरोना का ऐसा ही असर उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर की पूजा अर्चना पर भी पड़ा । सावन में बाबा महाकाल (mahakal) की शाही सवारी तो निकली, लेकिन उसमें भक्त शामिल नहीं हो पाए। ज़िला प्रशासन और मंदिर समिति ने शाही सवारी में भक्तों के शामिल होने पर रोक लगा दी।

तब भक्त ने अपने अपने घरों पर रहकर बाबा की शाही सवारी के ऑनलाइन (online) दर्शन किये। कोरोना ने लोगों को नई दिशा दी, लोगों ने ऑनलाइन दर्शन कर आस्था दिखाई। प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल और खंडवा में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ साथ देश के सभी बड़े मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन शुरु हो गये। लोगों ने शिर्डी और वैष्णोदेवी के भी ऑनलाइन दर्शन किये।

मां त्रिपुरसुंदरी, शारदा भवानी के भी ऑनलाइन दर्शन शुरु कर दिये। जबलपुर में प्रशासन ने ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था कराने का निर्णय लिया। मैया त्रिपुरसुंदरी, शारदा भवानी, बगलामुखी से लेकर बूढ़ी खेरमाई के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा का भाव है। यहां के लोग इन देवियों के दर्शन करके अपने को धन्य मानते हैं। लेकिन, कोरोना काल ने आस्था पर अटैक किया है। इसलिए श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन कर ही घर पर पूजा करते रहे।

कोरोना संकट के मद्देनजर सरकारों ने भगवान के दर्शन की ऑनलाइन व्यवस्था कराने का निर्णय लिया। ताकि, कहीं भी भीड़ इकठ्ठी न हो और श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन देवी दर्शन कर सकें। बड़े मंदिरों के साथ साथ प्रदेश के सभी शहरों में आस्था के प्रमुख केंद्र कई पूजा पंडालों से भी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराए गए।

श्रद्धालुओं को घर बैठे ऑनलाइन दर्शन करने की सुविधा देने के लिए तकनीकी सहयोग देश की जानी मानी संस्था एनआइसी ने इन मंदिरों को दिया। सभी आवश्यक उपकरणों जैसे कैमरे, इंटरनेट पर होने वाला व्यय का वहन सम्बंधित मंदिर के कोष से किया गया। आम दिनों के साथ साथ नवरात्रि के अवसर परभी लोगों ने ऑनलाइम ही दर्शन किये। नवरात्र में कफ्र्यू के दौरान भक्तों के लिए मंदिरों के गेट बंद थे। मंदिर के पुजारी ही स्तुति आराधना करते रहे। ऐसी स्थिति में मंदिर पहुंचकर भगवती का दर्शन पूजन करने से वंचित श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराए । महाआरती का लाइव और वीडियो के माध्यम से लोग घर बैठे दर्शन करते रहे।

देश के अधिकतर मंदिर समितियों ने फेसबुक पेज पर आरती लाइव करना शुरू किया तो कुछ मंदिरों के वॉट्सएप ग्रुप में प्रार्थना, श्रृंगार, आरती का वीडियो शेयर किए। मध्य प्रदेश के सतना में स्थित मा शारदा पीठ में कोरोना काल में भी महामारी पर भारी रही आस्था। मैहर के मां शारदा मंदिर के लाइव दर्शन कर लोग मां से कोरोना संकट को जल्द खत्म करने की प्रार्थना करते रहे। नवरात्र के अंतिम दिन महानवमी को माता के सिद्धदात्री स्वरूप का विशेष शृंगार किया गया। माता रानी के इस दिव्य स्वरूप का भक्तों ने पूरी श्रद्धा भक्ति से पूजन किया। बता दें कि नवरात्र के अंतिम दिन देवी के शक्ति स्वरूप के सिद्धिदात्री रूप के पूजन की मान्यता है। यह देवी भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। ऋद्धि-सिद्धि की दात्री के रूप में माता के इस स्वरूप की मान्यता है

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