वहीं, मौसम विभाग की संभावना के अनुसार, आगामी 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ ज्यादातर स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश के साथ बिजली और आंधी चलने की संभावना है। दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और इससे सटे पश्चिमी मध्य प्रदेश में तेज सतही हवाएं (20-30 किमी प्रति घंटे से 40 किमी प्रति घंटे तक की गति) से चलने की संभावना है।
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30 अगस्त के बाद फिर बदल सकता है मौसम
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी शैलेंद्र नायक के अनुसार, आगामी 30 अगस्त तक मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की ही गतिविधि रहने की संभावना है। एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्वी राजस्थान और इससे सटे उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश पर स्थित है। बंगाल की खाड़ी और आस-पड़ोस के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। औसत समुद्र तल ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। ऐसे में अगर प्रदेश में एक फिर बारिश की तेज झड़ी लगती है तो वो सितंबर महीने की शुरुआत से संभव है।
क्या है संभावना?
इसके साथ ही मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर औसत समुद्र तल पर अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है और पूर्वी छोर अपनी सामान्य स्थिति के निकट है। मानसून की ट्रफ औसत समुद्र तल से जैसलमेर, पूर्वी राजस्थान और इससे सटे उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश पर स्थित एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र का केंद्र है। शिवपुरी, बांदा, पटना, बांकुरा, डायमंड हार्बर और वहां से पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी में से होकर गुजर रही है।
जल प्रलय से गुजरा मध्य प्रदेश
आपको बता दें कि, पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के बड़े हिस्से पर जारी लगातार बारिश के कारण अधिकतर इलाके जलमग्न और लगभग सभी नदी-नाले उपान पर आ गईं। विदिशा में स्थित बेतवा नदी अब भी कोहराम मचा रही है। प्रदेश में बाढ़ में फंसे 21 लोगों को अभी बाहर निकाला गया है। साथ ही प्रभावित इलाकों में अभी रेस्क्यू किया जा रहा है।
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