यानि एक सामान्य परिवार के लिए निगम को जहां कम से 500 लीटर पानी रोजाना व्यवस्था करना चाहिए, वह महज 60 से 70 लीटर पानी की ही व्यवस्था कर पा रहा है। इस स्थिति के परिवारवालों में पुराने शहर की कॉलोनियों की संख्या सबसे अधिक है। हालात ये हैं कि रहवासी क्षेत्रीय इंजीनियर से इस दिक्कत की शिकायत करते हैं तो उसका स्पष्ट जवाब है कि इससे अधिक पानी नहीं मिलेगा।
नगर निगम के उच्चाधिकारियों, महापौर, निगमायुक्त तक इस मामले को विभिन्न माध्यमों से उठाया गया, लेकिन सभी जगह से लोगों को निराशा ही हाथ लगी। दिक्कत की एक बानगी
– टीला जमालपुरा संस्कृत पाठशाला के पास सुबेदार कॉलोनी में लोगों को नल से न के बराबर पानी मिल पा रहा है। यहां के रहवासी सरोज पांडे का कहना है कि चार बाल्टी पानी देकर नल बंद हो जाता है। क्षेत्रीय इंजीनियर राकेश सिंह से लेकर निगमायुक्त, नगर निगम ही हेल्पलाइन में शिकायत क्रमांक 99623 दर्ज की। सीएम हेल्पलाइन में भी मामला दर्ज कराया। क्षेत्रीय इंजीनियर सिंह ने उन्हें स्पष्ट कह दिया, इससे अधिक पानी हम नहीं दे सकते।
– करोद चौराहे के करीब रहने वाले सुरेश नामदेव के नल में पानी न के बराबर ही आ रहा है। नर्मदा लाइन से उन्होंने कनेक्शन लिया हुआ है। बेहद धीमी गति से आधे घंटे में चार से पांच बाल्टी ही पानी आ पाता है। उन्होंने नगर निगम के जलकार्य चीफ इंजीनियर एआर पंवार से इसकी शिकायत की। पंवार ने मामला दिखवाने का वादा भी किया, लेकिन अब तक कोई यहां नहीं पहुंचा। करीब एक माह से यही स्थिति है।
– अशोका गार्डन में चांदबड़ की और रहने वाले अविनाश सक्सेना का घर ऊंचाई पर है। उनके क्षेत्र के करीब 50 मकानों तक पानी पहुंचता ही नहीं है। रोजाना शाम को वे पानी के लिए इंतजार में तो बैठते हैं, लेकिन पानी नहीं आ पाता। निगम में शिकायत की, जांच कराई पता चला लाइन ही गड़बड़ डली है। अब इसकी खुदाई फिर से कर लेयर नए सिरे से बिछाना होगी।
ज़बकि जरूरत से ज्यादा लिया जा रहा पानी नगर निगम से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोलार डेम, नर्मदा और बड़ा तालाब को मिलाकर रोजाना 87 एमजीडी यानि करीब 33 करोड़ लीटर पानी लिया जा रहा है। 135 लीटर प्रतिव्यक्ति की दर से शहर की 21 लाख आबादी के अनुसार आंकलन करें तो 28 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। जाहिर है, हम जरूरत से करीब पांच करोड़ लीटर पानी अधिक ले रहे हैं, बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा।
इन क्षेत्रों में कम दबाव में पानी
बैरागढ़ में सिंगारचोली के साथ सीहोर नाके के किनारे, गांधीनगर से जुड़ी कॉलोनियां। भेल में अवधपुरी, अयोध्या बायपास, कोकता से लेकर निजामुद्दीन कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में पानी की दिक्कत।
कटारा हिल्स में बाग मुगालिया एक्सटेंशन क्षेत्र में अंदरूनी सर्किल में पानी नहीं मिल रहा, अरविंद विहार, लहारपुर से नई आबादी क्षेत्र में पानी नहीं। साकेत नगर, शक्ति नगर तक कई बार कम दबाव की चपेट में रहते हैं। भदभदा से लेकर नेहरू नगर, कोटरा सुल्तानाबाद, नई बस्ती तक पानी दिक्कत है।
पुराने शहर में जहांगीराबाद से लेकर शाहजहांनाबाद, इतवारा से मंगलवारा और हाथीखाना, करोद, भानपुर में इस समय कम दबाव से पानी मिलने की शिकायतें हैं। एक्सपर्ट कोट्स नगर निगम जो आंकड़ा बताता है उसे देखें तो यहां पानी की दिक्कत नहीं है। दूसरी और शहर के कई क्षेत्र पानी नहीं मिलने की बात कह रहे हैं। ऐसे में निगम की जिम्मेदारी बनती है कि कम दबाव से पानी वाले क्षेत्रों में एक बार स्थिति को दिखवाया जाए। लाइन में गड़बड़ी है तो जनहित में इसे नए सिरे से बिछवाने की कवायद हो। संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर कार्रवाई की जा सकती है।
– आरबी राय, एक्सपर्ट
इनके अनुसार अब भी दिक्कत नहीं जलापूर्ति की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। नई लाइन भी बिछा रहे हैं। लोगों की शिकायतों तक त्वरित कार्रवाई की जाती है। यदि कोई विशेष मामला इस तरह का है तो उसे दिखवा लेंगे। हम बड़े तालाब से पानी की मात्रा कम कर नर्मदा और कोलार से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। दिक्कत नहीं होगी।
– एआर पंवार, प्रभारी चीफ इंजीनियर जलकार्य