कभी नहीं लगा कि प्रयास करना छोड़ दूं, मेहनत पर यकीन था
गुंजिता अग्रवाल ने कहा कि मैं कॉलेज के आखिरी साल से ही तैयारी कर रही हूं। 4 साल में एक भी बार सफलता नहीं मिली। 5वीं बार में प्रीलिम्स और मेंस दोनों क्लियर हो गए। वैसे इतनी असफलताओं के बावजूद इतने सालों में मुझे कभी ये नहीं लगा कि मैं प्रयास करना छोड़ दूं। इसके पीछे की वजह मेरी फैमिली थी। उनका मुझे बहुत सपोर्ट था और मैं हर दिन सिर्फ आइएएस बनने के लिए ही तैयारी करती थी।
अभी मैं पब्लिक पॉलिसी में पीजी डिप्लोमा कर रही हूं। मेरे पिता जगदीश प्रसाद गुप्ता मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियर हैं और मां शशि गुप्ता गृहिणी हैं। बड़ी बहन बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। अपने पैशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मौका मिला तो मैं भोपाल में अर्बन डेवलमेंट पर काम करना चाहूंगी। इसके अलावा एजुकेशन, वीमेन एंड चाइल्ड डेवलमेंट पर भी काम करना चाहूंगी।
सबसे आसान और मुश्किल सेक्शन पर बात करते हुए गुंजिता ने कहा कि मेरे लिए कोई सब्जेक्ट मुश्किल नहीं था। लेकिन इतने सारे सबजेक्ट्स को बराबर समय देना थोड़ा चैलेंजिंग रहा। टाइम मैनेजमेंट स्किल्स पर मैं अभी भी काम कर रही हूं।