केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जल्द ही केंद्र सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन गठित करने जा रही है। इससे रेवेन्यू विभाग का अमला किसानों के रिकॉर्ड और फसल नुकसान के सर्वे में हेरफेर नहीं कर सकेगा। किसानों के वास्तविक नुकसान का पता चल सकेगा। उसे नुकसान का सही मुआवजा भी मिलेगा।
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केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को मंजूर की गई दो नई योजनाओं के बारे में भी शिवराजसिंह चौहान ने विस्तार से बताया। ये दोनों योजनाएं हैं- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दोनों योजनाओं में कुल मिलाकर 1 लाख 1321 करोड़ 61 लाख रुपए खर्च होंगे। इसी के अंतर्गत डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का काम भी किया जाएगा।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों को दी जानेवाली अहम सौगात के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सरकार किसानों को तिलहन के बीज फ्री में देगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) किसानों को देने के लिए ये बीज बनाएगा। किसानों को फ्री में बीज उपलब्ध कराने के लिए देशभर में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana – लाड़ली बहनों को मिलेगा ‘दशहरा गिफ्ट’, 5 अक्टूबर को खातों में आ जाएगी राशि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में वर्तमान में ऑयल सीड्स प्लांट्स में उत्पादन बहुत कम है। देश में साल 2022-23 में खाद्य तेल की कुल जरूरत 29.2 मिलियन टन थी, लेकिन ऑयल सीड से उत्पादन कम होता है। शेष मांग पूरी करने के लिए आयात करना पड़ता है। यही दिक्कत दूर करने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है।
तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को तिलहन के बीज फ्री में देने के साथ ही नई टेक्नोलॉजी से खेती करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस मिशन में उन राज्यों को विशेष रूप से शामिल किया गया है जहां ऑयल सीड्स का उत्पादन होता है। देश के 21 राज्यों के कुल 347 जिलों में मिशन के तहत सुविधाएं दी जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बताया कि देश में उन्नत बीजों की कमी पूरी करने के लिए 65 नए बीज केंद्र बनाए जाएंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण यूनिट भी बनाई जाएंगी। देशभर में कुल 10 लाख हेक्टेयर एरिया में खेती की जाएगी।