क्या धार की सियासत है वजह
उमंग सिंघार धार जिले से आते हैं। उमंग सिंघार धार के गंधवानी विधानसभा सीट से विधायक हैं। उमंग सिंघार धार में कांग्रेस के बड़े नेता हैं और इसके साथ साथ ही वो प्रदेश में आदिवासी चेहरा भी हैं। कहा जा रहा था कि आदिवासी चेहरा होने के कारण ही वो मध्यप्रदेश कांग्रेस की रेस में थे। लेकिन वो किसी खेमे के नहीं हैं। बल्कि वो मध्यप्रदेश की पूर्व डिप्टी सीएम और सदन में नेता प्रतिपक्ष रहीं जमुना देवी के भतीजे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उनकी बुआ जमुना देवी की हमेशा दिग्विजय से तल्खी रही। जमुना देवी की गिनती प्रदेश के सबसे अनुभवी विधायकों और आदिवासी समुदाय के वरिष्ठ नेताओं में होती थी। उमंग सिंघार अब अपनी बुआ की राह पर चलकर दिग्विजय के खिलाफ हमलावर हो गए हैं।
क्या सिंधिया का है समर्थन
उमंग सिंघार का किसी भी खेमे का नहीं माना जाता है। उमंग सिंघार के बागी अंदाज पर जानकारों का कहना है कि उन्हें पर्दे के पीछे से ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थन प्राप्त है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह का मात देने के लिए उमंग सिंघार का सहारा लिया है। जानकारों के अनुसार, इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के मंत्री इस मुद्दे में कोई बयान बाजी नहीं कर रहे हैं बल्कि वो सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, उमंग सिंघार के हमलावर होने से कलनाथ खेमे के मंत्री ऐसा बयान दे रहे हैं जो ना किसी का विरोध कर रहा है और ना ही किसी का समर्थन। माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया उमंग सिंघार के साथ खड़ें हैं जिस कारण से उमंग सिंघार दिग्विजय सिंह के खिलाफ हमलावर हुए हैं।
पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं। वो लगातार तीसरी बार धार के गंधवानी से विधायक बने हैं। दिल्ली में भी उनकी पकड़ मजबूत बताई जा रही है। पीसीसी चीफ की रेस में उनका भी नाम है। उनकी बुआ जमुना देवी की हमेशा दिग्विजय से तल्खी रही।