भोपाल। ये हैं भोपाल की लतिका भंडारी। हाल ही में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में ताइक्वांडो स्पर्धा में इन्होंने नेपाल की नीमा गुरुंग को हराकर स्वर्ण पदक जीता। लतिका देखने में शालीन और सीधी लगती हैं, पर इनके पंच और किक विपक्षी पर कुछ ऐसे बरसते हैं मानों किसी पत्थर को चकनाचूर कर रही हों। लतिका इन दिनों रियो ओलंपिक में क्वालीफाई करने पर फोकस कर रही हैं। आइए जानते हैं कैसे तैयारी कर रहीं लतिका…
औरंगाबाद में टे्रनिंग कैंप में जाएंगी
लतिका ने बताया कि मेरा फोकस रियो ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए है। इसके लिए मैं एशियन क्वालिफिकेशन फॉर रियो ओलंपिक के लिए तैयारी कर रही हूं। लतिका के मुताबिक अब वे परिवार को कुछ समय देना चाहती हैं, उसके बाद एशियन क्वाालिफिकेशन फॉर रियोÓ चैम्पियनिश के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में कड़ी मेहनत करने जुट जाएंगी। एशियन क्वालिफिकेशन फॉर रियो ओलंपिक-2016 का आयोजन 16 अप्रैल से 20 अप्रैल तक किया जाएगा। लतिका इसकी तैयारियों के लिए मार्च में साई औरंगाबाद में ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लेंगी।
नेपाल की नीमा को हराकर जीता था स्वर्ण
सैफ खेलों में लतिका भंडारी ने ताइक्वांडो के महिला अंडर-53 किग्रा भारवर्ग के फाइनल में नेपाल की नीमा गुरुंग को 16-8 से हराकर स्वर्ण पर कब्जा जमाया था। इसके साथ लतिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाली प्रदेश की पहली खिलाड़ी बनीं। लतिका ने ही ढाका में हुए 11वें साउथ एशियन गेम्स में कांस्य पदक हासिल किया था। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ ताइक्वांडो चैम्पियनशिप के अंडर-55 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
फाइनल में माता-पिता ने बढ़ाया मनोबल
लतिका ने बताया कि 15 फरवरी का फाइनल देखने मेरे मां और पिता पहुंचे। इससे मेरा मनोबल और उत्साह बढ़ गया। हालांकि नेपाल की खिलाड़ी नीमा गुरुंग ने भी मुझे कड़ी चुनौती दी थी, लेकिन मैंने उसे हराया इसलिए यह मुकाबला मेरे लिए यादगार रहा। लतिका ने कहा कि रियो ओलंपिक क्वालिफिकेशन के लिए दक्षिण एशियाई देशों में भारत प्रबल दावेदार है। जबकि एशियाई देशों में थोड़ी कमजोर हैं, इसके लिए हमे कड़ी मेहनत करनी होगी। तभी हम देश के लिए पदक दिला पाएंगे।
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